छत से बरस रहा पैसा ! अमेरिका तक पहुंची खनक
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 7 दिसंबर
छत पर शौक से फल, फूल, सब्जियां उगाना शुरू किया। इस दौरान पता ही नहीं चला कि कब शौक इनकम का स्रोत बन गया। अब फल, सब्जियां, फूल बेचकर प्रति वर्ष लाखों कमाने वाले बंसत विहार निवासी रामविलास का नाम देश ही नहीं अमेरिका तक गूंज रहा है। यही नहीं, अमेरिका के रहने वाले काफी लोग रामविलास से छत पर फल, फूल और सब्जियां उगाने की ट्रेनिंग लेने के लिए आने लगे हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों के लोग करनाल आते हैं। वे कई दिन करनाल में रहकर रामविलास से छत पर सब्जियां, फल व फूल उगाने से लेकर बेचने तक की ट्रेनिंग लेते हैं। किसान रामविलास ने घर की छत को मिनी फार्म हाउस बना दिया है, जिसमें विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फूल, ड्रेगन फ्रूट, अनार, सेब, अमरूद, बेर आदि लगाए हैं। किसान रामविलास ने बताया कि पहले वे बिजनेस करते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी छत पर शौक के तौर सब्जियां, फूल और फल उगाने शुरू किए। इसके बाद समय दर समय पर उसकी आय बढ़ने लगी और उन्होंने बिजनेस दिया। अब वे छत पर ही सभी प्रकार के फल, फूल व सब्जियां उगाते हैं, जिससे उन्हें लाखों की आमदनी होती है। छोटे या बड़े किसानों की बात नहीं है, किसान की बात सुनकर ऐसा लगता है कि काफी जमीन होगी, खेती होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि अब मात्र 10 प्रतिशत लोगों के पास ही जमीन है बाकी के पास जमीन के रूप में उनका घर, उसमें भी केवल छत ही जमीन का एक छोटा-सा रूप है। ऐसा इंप्रेशन लोगों के पास लेकर आया कि छत पर फल, फूल, सब्जी व मेडिसनल प्लांट सब उगा सकते हैं। उनकी 350 गज की छत पर हर प्रकार के फल, फूल और सब्जियां देखने को मिलेंगी, जिन्हें बेचने पर उन्हें काफी अच्छी इनकम हो जाती है।
गर्मियों में छत रहती है ठंडी
रामविलास का कहना है कि ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है, छत पर पौधे लगाएंगे तो एसी, पंखे कम चलाने पड़ेंगे, छत ठंडी रहेगी। खाने को ताजी सब्जियां मिल जाएंगी। ऐसा नहीं है, हमने बेर जो कि रेगिस्तान में होता है, वो भी लगाया है, जिससे 5 से 6 किलोग्राम अपने प्रयोग के लिए ले रहे हैं। अमरूद को ड्रम में लगा लिया हैं। ड्रेगन फ्रूट को भी उगा लिया, सेब को भी छत पर उगा लिया। गर्मियों में कुछ परेशानी आती है, बाकी के 10 माह में आप छत पर कुछ भी उगा सकते हैं। एक छोटा किसान जिसके पास एक एकड़ जमीन है, 3 एकड़ की फसल ले सकता है।