'मोक्ष नाटक' ममता की अनूठी दास्तान
पंचकूला, 16 दिसंबर (हप्र)
यूनीक आर्ट्स सोसाइटी द्वारा हरियाणा के सूचना, जन संपर्क एवम भाषा विभाग के सहयोग से पंचकूला सेक्टर 15 स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नाटक 'मोक्ष' पेश किया गया। यह नाटक मां की ममता की अनूठी दास्तान है। एक अनकही, अबूझ सी अनोखी कशमकश है। गोपाल और रमैया के बेटा कर्णेशप्रिय पैदा होता है। अचानक एक दिन वह बीमार हो जाता है। वह न तो चल सकता है, न ही बोल सकता है। डॉक्टर इसे लाइलाज बीमारी बताते है। वे कई सामाजिक संस्थाओं के पास जाते हैं कि उनके जाने के बाद उनके बेटे की परवरिश करें। अचानक एक दिन उनके बेटे का कत्ल हो जाता है। पुलिस गोपाल को गिरफ्तार करके ले जाती है। चश्मदीद गवाह न होने की वजह से कोर्ट उसे बरी कर देती है। बाद में पता चलता है कि हत्या उसकी पत्नी ने ही की है और उसकी पत्नी भी खुद को गोली मारकर खत्म कर लेती है। गोपाल को एक लवारिस बच्ची मिलती है और वह उसका पालना पोषण करता है मनमोहन गुप्ता मोनी द्वारा लिखे गए इस नाटक का निर्देशन सोनिका भाटिया ने किया है।