मोहनलाल हरियाणा भाजपा के नये ‘कप्तान’, पार्टी ने खेला ब्राह्मण कार्ड
Haryana BJP President
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 जुलाई। राई से विधायक मोहनलाल बड़ौली हरियाणा में भाजपा के नये ‘कप्तान’ होंगे। मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बड़ौली को हरियाणा का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त करने के आदेश जारी किए। वर्तमान में प्रदेशाध्यक्ष की कमान सीएम नायब सिंह सैनी के पास ही है। भाजपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलकर विधानसभा चुनावों को लेकर भी अपना नजरिया स्पष्ट कर दिया है। इस नियुक्ति से स्पष्ट है कि भाजपा गैर-जाट की राजनीति पर ही आगे चलने वाली है।
मोहनलाल कौशिक मूल रूप से सोनीपत जिला के राई हलके के बड़ौली गांव के रहने वाले हैं। पुराने संघी मोहनलाल की नियुक्ति पूर्व सीएम व केंद्रीय बिजली तथा आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल की सिफारिश पर हुई है। सीएम नायब सिंह सैनी के गत दिवस के नई दिल्ली के दौरे के कारण भी अब स्पष्ट हो गए हैं। नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के बाद जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि दिल्ली दौरे के दौरान सीएम ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेशाध्यक्ष को लेकर ही चर्चा की।
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बड़ौली ने 2019 में कांग्रेस के जयतीर्थ दहिया को 2663 मतों से शिकस्त देकर पहली बार विधानसभा में दस्तक दी थी। 1995 में मुरथल के मंडल अध्यक्ष रहे मोहनलाल बड़ौली ने इस बार सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा था। यहां से कांग्रेस सांसद बने सतपाल ब्रह्मचारी के साथ कड़े और नजदीकी मुकाबले में बड़ौली महज 21 हजार 816 मतों के अंतर से चुनाव हारे। सतपाल ब्रह्मचारी को 5 लाख 48 हजार 682 और मोहनलाल को 5 लाख 26 हजार 866 वोट हासिल हुए।
1963 में बड़ौली गांव में जन्मे मोहनलाल के पिता कलीराम कौशिक इलाके के प्रसिद्ध कवि रहे। वे पंडित लख्मीचंद के बड़े प्रशंसकों में शामिल रहे। बड़ौली 1989 से आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से जुड़े हैं। वे सोनीपत जिला परिषद के चेयरमैन भी रहे हैं। 2020 में वे सोनीपत में भाजपा जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और 2021 से वे लगातार पार्टी के प्रदेश महामंत्री पद पर बने हुए हैं। माना जा रहा है कि उनके संगठन के अनुभव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी है।
बड़े मंथन के बाद तय हुआ बड़ौली का नाम
सूत्रों का कहना है कि नये प्रदेशाध्यक्ष को लेकर पार्टी में कई दिनों से मंथन चल रहा था। पार्टी के स्तर पर जाट, ब्राह्मण, पंजाबी और एससी कैटेगरी में से किसी एक को प्रधान बनाने पर विचार-विमर्श हुआ। जातिगत व क्षेत्रीय समीकरणों के अलावा विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत पार्टी नेतृत्व ने ब्राह्मण कार्ड खेला है। पंजाबी कैटेगरी में पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, जाट में राज्यसभा सांसद सुभाष बराला व एससी में कृष्णलाल पंवार का नाम चर्चाओं में था। सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की सिफारिश पर मुहर लगाते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने बड़ौली के नाम को हरी झंडी दी।
प्रधानगी के साथ चुनौतियां भी
मोहनलाल बड़ौली के सामने सबसे बड़ी और पहली चुनौती आगामी विधानसभा चुनावों की रहेगी। लोकसभा के चुनाव सीएम नायब सिंह सैनी के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए लड़े गए। भाजपा में एक नेता एक पद का सिद्धांत बना हुआ है। 12 मार्च को नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनते ही पार्टी का नया प्रधान बनना तय हो गया था। लेकिन लोकसभा चुनावों की घोषणा के चलते पार्टी ने प्रदेशाध्यक्ष को नहीं बदला। 2014 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान प्रो़ रामबिलास शर्मा प्रदेशाध्यक्ष थे। 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सुभाष बराला प्रदेशाध्यक्ष थे। बराला की जगह ओमप्रकाश धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया और फिर धनखड़ की जगह नायब सिंह सैनी को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।