मोहन लाल बड़ौली को सीएम से नजदीकी और संगठन में पकड़ का मिला फायदा
हरेंद्र रापड़िया/हप्र
सोनीपत, 26 मार्च
राई से विधायक एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री मोहन लाल बड़ौली को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और संगठन में मजबूत पकड़ का भरपूर फायदा मिला और पार्टी ने उन्हें सोनीपत लोकसभा से अपने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार दिया।
पार्टी शुरू से ही सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से किसी ब्राह्मण नेता को टिकट देना चाह रही थी। इसके लिए पार्टी में घमासान मचा हुआ था। टिकट की दौड़ में मौजूदा सांसद रमेश कौशिक को इस बार भी प्रबल दावेदार माना जा रहा थ। वह बात अलग है कि पार्टी द्वारा कराये गये सर्वे में उनके प्रति लोगों की नाराजगी भी सामने आ गयी थी। मगर उसके बावजूद माना जा रहा था कि सांसद रमेश कौशिक पार्टी में अपनी पैठ के चलते टिकट ले आएंगे। मगर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल एक कथित विवादित वीडियो में सांसद रमेश कौशिक का नाम उछलने पर वह बैकफुट पर आ गये। हांलाकि इस बार विधायक मोहन लाल बड़ौली भी शुरू से दौड़ में थे। मगर सांसद रमेश कौशिक के विवादों में घिरने के बाद मोहनलाल बड़ौली का टिकट पर दावा लगभग पक्का हो माना जा रहा था। आखिरकार भाजपा ने सोनीपत लोकसभा से मोहन लाल बड़ौली पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। मोहन लाल बड़ौली को टिकट देने के पीछे उनकी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से नजदीकियों को भी जोडक़र देखा जा रहा है। साथ ही लगातार दूसरी बार प्रदेश महामंत्री पद पर आसीन होने से उनकी संगठन में मजबूती को जाहिर करता है।
ऐसे मजबूत होते गए बड़ौली
मोहन लाल बड़ौली 1987 में भाजपा से जुड़े थे। यह वह दौर था जब पार्टी में संगठन नाममात्र का था। तत्कालीन इनेलो सरकार के कार्यकाल में राई क्षेत्र से जिला परिषद के चुनाव में बतौर भाजपायी पार्षद चुनकर अपने राजनीतिक कैरियर की। इसके बाद 1990 में उन्हें मंडल उपाध्यक्ष, 1991 में मंडल महामंत्री और 1994 में मंडल अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2009 से 2013 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए काम किया। 2013 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने मोहन लाल बड़ौली और नायब सिंह सैनी को किसान मोर्चे का महामंत्री बनाया था। उसके बाद पिछले मुडक़र नहीं देखा। वर्ष 2019 में राई विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़ा और दो बार के विधायक जयतीर्थ दहिया को हराकर पहली बार विधानसभा में प्रवेश पाया। इसके बाद उन्हें भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया। बाद में उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई। पिछले दिनों भाजपा कार्यकारिणी में मोहन लाल बड़ौली को दोबारा प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद उन्हें दक्षिण हरियाणा के 8 जिलों का प्रभारी बनाया गया। दक्षिण हरियाणा के साथ ही उन्हें रोहतक और झज्जर जैसी जाट बेल्ट की कमान भी सौंपी गई। इन 8 जिलों में गुरुग्राम और फरीदाबाद के साथ ही जाट बेल्ट रोहतक, झज्जर व सोनीपत की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में वे भाजपा में ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान बनाते चले गये। उन्हें भाजपा कोर ग्रुप की छोटी टोली में भी शामिल किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश प्रभारी बिल्पब देब भी शामिल हैं। आखिरकार कड़ी मेहनत, संगठन में पकड़ और दिग्गजों से नजदीकियां उनके काम आयीं और वह पार्टी का टिकट पाने में कामयाब रहे।