मोहाली नगर निगम अब पकड़ेगा जंगली बंदर
कुलदीप सिंह/निस
मोहाली, 5 जून
बेसहारा कुत्तों और गायों के बाद अब जंगली बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी भी नगर निगम के कंधों पर आ गई है। यह बात उस समय सामने आई जब मोहाली नगर निगम की एक महिला पार्षद ने एसडीएम को जंगली बंदरों की समस्या हल करने के लिए पत्र लिखा। तब पता चला कि अब जंगलात विभाग यह काम नहीं करता बल्कि एक्ट में संशोधन होने के बाद बंदरों को पकड़ने का काम अब नगर निगम को सौंप दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि नगर निगम के पास ना तो बंदरों को पकड़ने के लिए कोई अमला है और ना ही कोई उपकरण। इससे भी बड़ी बात यह है कि बेसहारा कुत्तों और गायों की समस्या हल करने में बुरी तरह असफल दिख रहे नगर निगम को अब बंदर पकड़ने का भी काम दे दिया गया है। पहले जंगलात विभाग के कर्मचारी बंदरों को पकड़ते थे या भगाते थे, लेकिन अब इस समस्या का समाधान भी नजर नहीं आ रहा।
इस मामले में पार्षद अनुराधा आनंद ने नगर एसडीएम को लिखे अपने पत्र में कहा कि वार्ड नंबर 11 (फेज़ 7) और नज़दीकी इलाकों में बंदरों की बढ़ती उत्पाती गतिविधियों ने नागरिकों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। लोगों की जान-माल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वार्ड 11 की पार्षद अनुराधा आनंद की ओर से इन पर तुरंत काबू पाने के लिए एसडीएम मोहाली को लिखित निवेदन किया गया है। बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग विशेष रूप से इस उत्पात का शिकार हो रहे हैं। पार्षद ने कहा कि जंगलात विभाग द्वारा वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत बंदरों को रेस्क्यू करने में आ रही कानूनी रुकावटों के कारण कोई ठोस समाधान नहीं निकल रहा। लेकिन जब यह समस्या जान को खतरे और आम जीवन को अस्थिर कर रही हो, तो इन नियमों की समीक्षा करना ज़रूरी है। इसी तरह फेज 10 में भी बंदरों ने आतंक मचाया हुआ है। यहां की पार्षद जतिंदर कौर ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत इस संबंध में कार्रवाई करे और लोगों को बंदरों के आतंक से मुक्त कराए।
इस मामले में संपर्क करने पर जंगलात विभाग के अधिकारी तजिंदर सिंह ने बताया कि पहले बंदरों को पकड़ने और भगाने का काम जंगलात विभाग द्वारा ही किया जाता था, लेकिन अब एक्ट में संशोधन के बाद यह काम नगर निगम को करना है।
बंदर पकड़ने वाले कर्मचारियों की होगी भर्ती
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी संजीव कंबोज ने कहा कि नगर निगम की ओर से इस संबंध में बंदर पकड़ने वाले कुशल कर्मचारियों की भर्ती (डीसी रेट पर) के लिए टेंडर निकाला जा रहा है जिसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि ये कुशल कर्मचारी लंगूर जैसी आवाज़ निकालते हैं, जिससे तंग आकर बंदर इलाका छोड़कर भाग जाते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही ये कुशल कर्मचारी निगम में आ जाएंगे, इस समस्या का हल हो जाएगा।