मोदी सरनेम मामला राहुल को हाईकोर्ट से राहत नहीं
अहमदाबाद, 7 जुलाई (एजेंसी)
गुजरात हाईकोर्ट ने ‘मोदी सरनेम' वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध संबंधी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा कि राहुल पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाने का आदेश ‘न्यायसंगत, उचित और वैध' है। यदि दोषसिद्धि पर रोक लग जाती, तो इससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। न्यायाधीश ने आदेश पढ़ते हुए कहा, ‘अपीली अदालत द्वारा पारित किया गया आदेश उचित एवं वैध है और इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।' उन्होंने सूरत अदालत को राहुल की याचिका पर ‘जल्द से जल्द' सुनवाई करने को कहा। अदालत के इस फैसले से नाखुश गुजरात में कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।... सत्य की जीत होगी।' कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘हम फैसले पर अध्ययन करेंगे और सभी कानूनी विकल्पों पर गौर करेंगे। कोई ताकत राहुल को चुप नहीं करा सकती।'
उधर, भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘आज का निर्णय विधि सम्मत, उचित और स्वागत योग्य है।' उन्होंने कहा अदालत ने उनको माफी मांगने का मौका भी दिया था लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। यह आपका गैरजिम्मेदाराना अहंकार है।'
यह है मामला
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?' गुजरात में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।