मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

मोहन भागवत का संदेश समझें मोदी : विपक्ष

08:09 AM Jul 12, 2025 IST

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (ट्रिन्यू/ एजेंसी)
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 75 साल की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति की जरूरत संबंधी बयान पर सियासत तेज हो गयी है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें संघ प्रमुख का संदेश समझना चाहिये। इस बीच, आरएसएस ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह बयान केवल संघ के एक दिवंगत दिग्गज का उद्धरण था और इसका किसी से कोई संबंध नहीं है।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘बेचारे अवार्ड-जीवी प्रधानमंत्री! कैसी घर वापसी है ये- लौटते ही सरसंघचालक द्वारा याद दिला दिया गया कि 17 सितंबर 2025 को वह 75 साल के हो जाएंगे।... लेकिन प्रधानमंत्री सरसंघचालक से भी यह कह सकते हैं कि वह भी 11 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे! एक तीर, दो निशाने!’
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस हमले में अपना योगदान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह को 75 साल की उम्र के बाद रिटायर होने के लिए मजबूर किया। राउत ने कहा, ‘देखते हैं कि क्या वह अब खुद पर भी यही नियम लागू करते हैं।’
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि मोहन भागवत से मोदी को एक बड़ा संकेत मिला है, जिन्होंने कहा है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को सक्रिय सार्वजनिक जीवन में नहीं रहना चाहिए।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि भागवत की इस टिप्पणी के बाद से उत्साह की लहर है। उन्होंने कहा, ‘पिछले 11 साल से देश, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं की हालत ऐसी हो गयी है कि अब 17 सितंबर को हमें इससे राहत मिलेगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत और उसके संविधान के अच्छे दिन आने वाले हैं, मोदी और भागवत जाने वाले हैं।’

Advertisement

यह कहा था संघ प्रमुख ने

भागवत ने हाल ही में एक पुस्तक विमोचन समारोह में 75 साल की उम्र के बाद सेवानिवृत्त होने संबंधी टिप्पणी की थी। आरएसएस प्रमुख ने संघ विचारक मोरोपंत पिंगले की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा था, ‘अगर आपको 75 साल की उम्र में शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एक निश्चित उम्र तक पहुंच गए हैं, अब आपको अलग हट जाना चाहिए और दूसरों को आने देना चाहिए।’

Advertisement
Advertisement