Modi in Ukraine: जेलेंस्की से वार्ता के बाद मोदी बोले- यूक्रेन, रूस साथ बैठकर रास्ता तलाशें
कीव, 23 अगस्त (भाषा)
В Києві вшанували пам'ять Махатми Ганді. Ідеали Бапу універсальні і дають надію мільйонам. Хай усі ми йдемо шляхом, який він показав людству. pic.twitter.com/4tTfQSrFIx
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024
मोदी ने चर्चा के दौरान एक ऐसा अभिनव समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच ‘व्यावहारिक बातचीत' की आवश्यकता जताई जो व्यापक स्वीकार्यता बनाने में मदद करे और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता में योगदान दे सके। वार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और उन्हें इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे। आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति और आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहता हूं।'
Ми з президентом @ZelenskyyUa вшанували експозицію Мартиролога в Києві.
Конфлікт особливо руйнівний для маленьких дітей. Моє серце з родинами дітей, які втратили життя, і я молюся, щоб вони знайшли в собі сили пережити своє горе. pic.twitter.com/9MTxtnLVkQ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024
प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को भरोसा दिलाते हुए कहा, 'भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं।' मोदी ने वार्ता के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, 'हम (भारत) तटस्थ नहीं हैं। शुरू से ही हम पक्षकार रहे हैं। और हमने शांति का पक्ष चुना है। हम बुद्ध की भूमि से आए हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'हम महात्मा गांधी की धरती से आए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।" प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को बताया कि वह भारत के साथ ही ‘ग्लोबल साउथ' के शांति के संदेश के साथ कीव आए हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है और उसका दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है।
उन्होंने कहा, 'मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं।' प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की की मौजूदगी में अपनी रूस यात्रा और उस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हुई वार्ता का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति से स्पष्ट शब्दों में कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।
समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है
उन्होंने कहा, 'मैंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें समय बर्बाद किए बिना उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।' प्रधानमंत्री मोदी ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि भारत का प्रधानमंत्री आज पहली बार यूक्रेन की धरती पर आया है।
यूक्रेन के 1991 में स्वतंत्र होने के बाद यह भारतीय प्रधानमंत्री की देश की पहली यात्रा है और यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन ने हाल में रूसी क्षेत्र में आक्रामक सैन्य अभियान चला रखा है। युद्ध की शुरुआत में भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए मोदी ने जेलेंस्की का आभार जताया। रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था। तब से लेकर अभी तक दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है।
इस युद्ध में अब तक दोनों तरफ के बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं जबकि लाखों की संख्या में लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं। मोदी और जेलेंस्की की वार्ता का ब्योरा देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को यूक्रेन में शांति बहाली के लिए ‘हर संभव तरीके' से योगदान करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया।
खुली और कई मायनों में रचनात्मक वार्ता
उन्होंने कहा, 'यह बहुत विस्तृत, खुली और कई मायनों में रचनात्मक वार्ता थी।' उन्होंने कहा कि बातचीत कुछ हद तक सैन्य स्थिति, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चिंताओं और ‘शांति के लिए सभी संभव तरीकों' पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन वैश्विक शांति सम्मेलन में भारत की भागीदारी जारी रखना चाहता है। जयशंकर ने कहा कि चर्चा को आगे बढ़ाने के प्रभावी तरीकों पर भी चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, 'भारत का मानना है कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करने की जरूरत है।' विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और देशों की संप्रभुता की रक्षा जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रखने के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
विदेश मंत्री ने मोदी की कीव यात्रा को ऐतिहासिक बताया
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जमीनी स्थिति और कूटनीतिक परिदृश्य, दोनों के बारे में राष्ट्रपति से उनका आकलन जाना। उन्होंने बताया कि जेलेंस्की ने दोनों मुद्दों पर बात की। विदेश मंत्री ने मोदी की कीव यात्रा को ऐतिहासिक बताया। प्रधानमंत्री सुबह एक विशेष ट्रेन में कीव पहुंचे और यूक्रेन के पहले उपप्रधानमंत्री ने उनकी अगवानी की। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा द्विपक्षीय संबंधों के लिए समर्पित था।
रक्षा, औषधि, कृषि और शिक्षा पर चर्चा हुई
उन्होंने कहा कि व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, औषधि, कृषि और शिक्षा पर चर्चा हुई। मोदी और जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन अंतर-सरकारी आयोग को विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का काम सौंपा।पोलैंड से लगभग 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद हयात होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके तुरंत बाद मोदी ने यूक्रेन राष्ट्रीय संग्रहालय में शहीदों पर आधारित एक मल्टी-मीडिया प्रदर्शनी का मुआयना किया, जहां राष्ट्रपति जेलेंस्की ने गर्मजोशी से प्रधानमंत्री से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगाया।
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष में जान गंवाने वाले बच्चों की याद में स्थापित मार्मिक प्रदर्शनी देखकर प्रधानमंत्री का मन भर आया। मोदी ने इस पर शोक जताया और मारे गए बच्चों के सम्मान में उन्हें याद करते हुए एक खिलौना रखा। जेलेंस्की के साथ बातचीत से पहले मोदी ने कीव में ‘ओएसिस ऑफ पीस' पार्क स्थित सत्य और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
मोदी बोले- यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही
बाद में मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को गहरा करने के उद्देश्य से इस महान राष्ट्र में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति की हमेशा जीत होनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और जनता को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।'
कुछ सप्ताह पहले मोदी ने की थी रूस की यात्रा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण में गांधी के शांति के संदेश की कालातीत प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करता है। प्रधानमंत्री की कीव यात्रा को कई हलकों में कूटनीतिक संतुलन के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उनकी रूस यात्रा से पश्चिमी देशों में नाराजगी पैदा हो गई थी। कीव की यात्रा से लगभग छह सप्ताह पहले मोदी ने रूस की यात्रा की थी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ संघर्ष समाप्ति के मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया था।
जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से वार्ता की थी
कीव यात्रा से पहले मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से वार्ता की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सभी संभव प्रयास करेगा, जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि ‘बातचीत और कूटनीति' के माध्यम से ही शांति बहाल की जा सकती है। बैठक में जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को कीव आने का निमंत्रण दिया था।