यूनान में मोदी को ‘ग्रैंड क्रॉस’ सम्मान
एथेंस, 25 अगस्त (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को यूनान की राष्ट्रपति कैटरीना एन सकेलारोपोउलू द्वारा प्रतिष्ठित ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। यह एक विशिष्ट सम्मान है जो भारत-यूनान साझेदारी की ताकत को दर्शाता है। यह सम्मान यूनान की राष्ट्रपति द्वारा ऐसे प्रधानमंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी विशिष्ट पद के कारण यूनान के कद को बढ़ाने में योगदान दिया है।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘यह यूनान के लोगों का भारत के प्रति सम्मान दर्शाता है।’ प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रशस्ति में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सेवा में, यह सम्मान भारत के मैत्रीपूर्ण जनों को दिया गया।’ इसमें कहा गया, ‘इस यात्रा के अवसर पर यूनान सरकार भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान करती है, जिन्होंने अपने देश को आगे बढ़ाने और उसे वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में अथक प्रयास किए। वे ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन के विषय को उच्च प्राथमिकता दिलवाई है।’ इस सम्मान की स्थापना 1975 में की गई थी। सितारे के आमुख पर देवी अथेना का चित्र अंकित है। इसके साथ ‘ओनली द राइचस शुड बी ऑनर्ड’ (केवल सत्यनिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान हो) इबारत उकेरी हुई है।
जय हो गीत पर झूमे भारतीय
यूनान में मोदी का भारतीय समुदाय ने भव्य स्वागत किया। उन्होंने ‘मोदी जी की जय’ के नारे लगाए और बॉलीवुड के गानों ‘चक दे’ और ‘जय हो’ पर डांस किया। मोदी ने यूनान में अपने कार्यक्रमों की शुरुआत एथेंस में अज्ञात सैनिकों के मकबरे पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। पिछले 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूनान की यह पहली यात्रा है। इससे पहले सितंबर, 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यहां की यात्रा की थी।
द्विपक्षीय व्यापार करेंगे दोगुना
भारत और यूनान शुक्रवार को द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक स्तर पर ले जाने और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर हेलेनिक गणराज्य पहुंचे। भारत-यूनान के संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने गर्मजोशी और दोस्ताना माहौल में उच्चस्तरीय बातचीत की। इस दौरान राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए काम करने पर सहमति बनी।