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MNS Protest मराठी भाषा विवाद: मीरा-भायंदर में रैली से पहले MNS नेता अविनाश जाधव हिरासत में

12:03 PM Jul 08, 2025 IST
पुलिस ने सोमवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के ठाणे और पालघर प्रमुख अविनाश जाधव के प्रवेश पर रोक लगाने के आदेश जारी किए, जो रैली में भाग लेने वाले थे। वीडियो ग्रैब/एएनआई

ठाणे, 9 जुलाई (एजेंसी)

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महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर जारी विवाद ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया, जब मीरा-भायंदर में प्रस्तावित महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की रैली से पहले पुलिस ने पार्टी के ठाणे-पालघर जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव को उनके घर से हिरासत में ले लिया। यह रैली 1 जुलाई को एक फूड स्टॉल संचालक पर हुए हमले के जवाब में व्यापारियों द्वारा आयोजित प्रदर्शन का प्रतिउत्तर मानी जा रही थी।

1 जुलाई को भायंदर में एक फूड स्टॉल मालिक को कुछ MNS कार्यकर्ताओं ने केवल इस कारण से पीट दिया कि वह मराठी में बात नहीं कर रहा था। वायरल हुए वीडियो में हमलावर MNS के प्रतीक चिन्ह वाली पट्टियाँ पहने दिखे।
वीडियो में दिखा कि एक ग्राहक स्टॉल वाले से मराठी में बोलने को कहता है, और जवाब मिलने पर उसे थप्पड़ मार दिया जाता है। इसके बाद पुलिस ने सात एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दंगा, धमकी और हमला जैसी धाराओं में केस दर्ज किया, जिन्हें बाद में नोटिस देकर छोड़ दिया गया।

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MNS की रैली और प्रशासन की सख्ती

MNS ने मंगलवार को मीरा-भायंदर में एक रैली की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने रैली को अनुमति नहीं दी।
हालांकि MNS नेता अविनाश जाधव इसके बावजूद रैली में भाग लेने वाले थे। इस पर पुलिस ने सोमवार को ही आदेश जारी कर मीरा-भायंदर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी और मंगलवार सुबह 3:30 बजे उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

रैली के लिए सैद्धांतिक अनुमति दी गई थी : फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रैली के लिए सैद्धांतिक अनुमति दी गई थी, लेकिन MNS ने जुलूस के लिए एक विशेष मार्ग पर जोर दिया, जिससे प्रशासन को अनुमति वापस लेनी पड़ी।
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा भाषा विवाद पर दिया गया बयान अनुचित और भ्रामक है।

28 मामले हैं दर्ज

डीसीपी प्रकाश गायकवाड़ के अनुसार, जाधव के खिलाफ विभिन्न थानों में 28 संज्ञेय मामले दर्ज हैं। ऐसे में उनके मीरा-भायंदर आने से शांति भंग होने का खतरा था। यही कारण रहा कि उन्हें एक दिन के लिए क्षेत्र में प्रवेश से रोका गया।

MNS का रुख

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली MNS लंबे समय से राज्य में मराठी भाषा को अनिवार्य करने की मांग करती रही है। पार्टी का कहना है कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों और बैंकों में मराठी का सम्मान होना चाहिए।

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