रोगी देखभाल और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने का मिशन : प्रोफेसर वाईके गुप्ता
चंडीगढ़, 22 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पीजीआई में आयोजित 40वीं राष्ट्रीय क्लिनिकल फार्माकोलॉजी कार्यशाला (एनडब्ल्यूसीपी-2024) में देश के विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह कार्यशाला व्यक्तिगत रोगी देखभाल और औषधि सुरक्षा की दिशा में सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। इस कार्यशाला का नेतृत्व प्रोफेसर समीर मल्होत्रा (प्रमुख, औषधि विज्ञान विभाग, पीजीआई) और प्रोफेसर स्मिता पटनाइक (आयोजक सचिव) कर रहे हैं। यह कार्यशाला दिवंगत प्रोफेसर रंजीत रे चौधरी की विरासत को आगे बढ़ाती है।
कार्यशाला में क्लिनिकल फार्माकोलॉजी के 30 विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में एआईआईएमएस जम्मू के अध्यक्ष प्रोफेसर वाईके गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला केवल एक शैक्षणिक प्रयास नहीं है, बल्कि देशभर में रोगी देखभाल और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने का मिशन है। यह छह दिवसीय कार्यशाला नैदानिक परीक्षणों, सांख्यिकी विधियों, औषधियों के प्रबंधन और नैतिक नैदानिक प्रथाओं पर जोर देती है। प्रतिभागियों को चिकित्सा शोध में उच्च गुणवत्ता वाली औषधियों के विकास, औषधि स्तर की निगरानी और एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की चुनौतियों पर गहन जानकारी प्राप्त होगी।
युवा डॉक्टरों को मिला मंच
एनडब्ल्यूसीपी-2024 न केवल नैदानिक औषधि विज्ञान के महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह युवा चिकित्सकों और उभरते नैदानिक औषधि वैज्ञानिकों के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। इस वर्ष की कार्यशाला ने पर्यावरणीय जागरूकता को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक की पानी की बोतलों का उपयोग समाप्त किया है। अंतिम दिन एक राष्ट्रीय स्तर का नैदानिक औषधि विज्ञान क्विज भी आयोजित किया जाएगा, जो 40 वर्षों में पहली बार होगा।