विश्वास से चमत्कार
पंडित मदन मोहन मालवीय जी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए संकल्पवान होकर चंदा जमा कर रहे थे। कोशिश करते हुए तीन पखवाड़े बीत गये लेकिन कोई खास रकम जमा नहीं हो पाई थी। एक शाम रेल यात्रा के दौरान मालवीय जी सभी रेलयात्रियों को अपना यह संकल्प बताने लगे। लेकिन इस तरह सरेआम चंदा मांगने के आग्रह को देखकर उनके साथ बैठे सहयोगी काफी शर्मिंदा महसूस कर रहे थे। मगर, कुछ मिनट बाद एक युवक ने अपना नाम और शहर सहित आवास का पता पंडित मदन मोहन मालवीय को सौंपकर कहा कि अगले सप्ताह यहां आकर आप मनचाही रकम ले जायें। उनके सभी सहयोगी, ‘अरे चमत्कार, चमत्कार’ कहकर उस कारोबारी युवक का वह नाम पता देखते रह गये। तब उनसे पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने कहा कि देखो, विश्वास करने में चमत्कार जैसा कुछ नहीं है लेकिन विश्वास के साथ काम करने वाले तो जगत में चमत्कार ही कर देते हैं।
प्रस्तुति : मुग्धा पांडे