हरियाणा में अल्पमत की सरकार चल नहीं, रेंग रही : दीपेंद्र
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 मार्च
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में अल्पमत की सरकार है, जो चल ही नहीं रेंग रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला द्वारा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे के बाद 88 विधायकों वाले सदन में सरकार के साथ मात्र 40 विधायक रह गए हैं। ऐसे में 48 विधायक सरकार के खिलाफ हैं। दीपेंद्र ने कहा कि जेजेपी के विधायक और निर्दलीय विधायकों में भी सरकार के खिलाफ नाराजगी जगजाहिर हो चुकी है। ऐसे में इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा ने साढ़े 4 साल मिलकर हरियाणा को बर्बाद करने का काम किया है। इस बात को हरियाणा की जनता जानती है और अब इनके बहकावे में नहीं आने वाली। आगामी चुनावों में प्रदेश की 36 बिरादरी कांग्रेस सरकार बनाने का फैसला कर चुकी है। उन्होंने मांग करी कि प्रदेश में विधानसभा को भंग कर तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव करवाए जाएं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी के आंतरिक सर्वे में भी जब हरियाणा में देश की सबसे अलोकप्रिय सरकार होने की सर्वे रिपोर्ट आई तो आनन-फानन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को हटा दिया गया जो प्रदेश सरकार की नाकामी व सरकार के प्रति लोगों में गुस्से का स्पष्ट कबूलनामा है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सिर्फ चेहरे बदलने से भाजपा के प्रति लोगों का गुस्सा कम नहीं होगा। इससे पहले भी जब 1986 में भजनलाल के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा हो गया था, तब उन्हें हटाकर बंसीलाल को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया था।