खनन माफिया बेखौफ, प्रशासन नहीं कर रहा सुनवाई, ग्रामीण बेबस
चरखी दादरी, 2 फरवरी (हप्र)
अवैध रूप से हो रहे खनन व जल दोहन के मामले में जहां गांव रामलवास के ग्रामीण पांच माह से विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के बाद भी धरने पर डटे हुए हैं। वहीं प्रशासन की अनदेखी या खनन माफिया की हठधर्मिता का भी दंश झेलने को ग्रामीण मजबूर हैं। अवैध खनन, जल दोहन से परेशान ग्रामीणों ने अब आत्महत्या करने की चेतावनी देते हुए अपना दर्द बयां किया। कहा कि बार-बार प्रशासन व सरकार को अवगत कराने के बाद भी समाधान नहीं हुआ, ऐसे में इसी पहाड़ में अपनी जान देने पर मजबूर होंगे।
गांव रामलवास की पहाड़ियों में माइनिंग कंपनियों द्वारा अवैध खनन करते हुए अवैध रूप से जल दोहन किया जा रहा है। जमीन से करीब 300 फीट नीचे तक ब्लास्टिंग करके खुदाई करते हुए जल दोहन के चलते गांव व आसपास के डार्क जोन में खेती के साथ पीने का पानी भी खराब हो गया है। इसका असर आसपास के कई गांवों में पहुंच गया है और ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में करीब 50 गांवों में जमीनी पानी पर पड़ेगा। इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं किया था। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास भी किया गया बावजूद इसके ग्रामीण अपनी मांगों पर डटे हुए हैं।
सरकार को अवगत कराने पर भी नहीं हुई कार्रवाई
धरने पर बैठे रोशन लाल, धर्मपाल सिंह, इंद्रा देवी, सरोज देवी इत्यादि ने बताया कि बार-बार प्रशासन व सरकार को अवगत कराने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। जमीन से 300 फीट नीचे तक अवैध खनन कर जमीनी पानी को जहर बना दिया है। ग्रामीण धरने पर डटे हैं और मर मिटने को तैयार हैं। इस मामले में जब माइनिंग कंपनी के ठेकेदार नरेंद्र सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और कहा कि कुछ ग्रामीण अपने स्वार्थ के लिए धरना दे रहे हैं।