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Illegal mining in Aravalli : नोटिस भेजने की तैयारी में प्रशासन, माफिया ने गिराया था पहाड़ का बड़ा हिस्सा

01:16 AM Dec 22, 2024 IST
जिला नूंह के फिरोजपुरझिरका उपमंडल में राजस्थान सीमा पर स्थित अरावली पहाड़ तोड़ने के बाद की तस्वीर।- हप्र

गुरुग्राम, 21 दिसंबर (हप्र): जिला नूंह के फिरोजपुरझिरका उपमंडल के गांव रवा में अरावली पहाड़ में अवैध खनन (Illegal mining in Aravalli) मामले पर प्रशासन कार्रवाई की तैयारी में है। कुछ लोगों द्वारा बीते दिनों पहाड़ का एक हिस्सा गिरा दिया गया था।  इस मामले में स्थानीय प्रशासन द्वारा कई लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।

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आरोपियों को किया चिन्हित

प्रशासन ने कई ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जिन्होंने पहाड़ के इस बड़े हिस्से को राजस्थान की तरफ गिराया था। हालांकि इस पूरे प्रकरण में हरियाणा और राजस्थान प्रशासन के अधिकारियों ने गिरे हुए पहाड़ का निरीक्षण किया है। अभी तक किसी भी थाना क्षेत्र में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है।

Illegal mining in Aravalli-नहीं रुक रहा अवैध खनन

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रवा, चित्तोड़ा गांव से सटे हरियाणा के अरावली क्षेत्र में अवैध खनन के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पत्थर चोरी के इस मामले में प्रशासन की चुप्पी और सीमा विवाद का फायदा उठाकर अवैध खनन माफिया चांदी कूट रहे हैं। शुक्रवार को भी खनन माफियाओं ने अरावली के पहाड़ के एक बड़े हिस्से को गिरा लिया था।

अवैध खनन की भेंट चढ़ी अरावली की एक और पहाड़ी!

हरियाणा और राजस्थान का प्रशासन रख रहा नजर

जैसे ही यह घटना मीडिया में सुर्खियां बनी तो हरियाणा और राजस्थान का प्रशासन हरकत में आ गया। अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और मौके का निरीक्षण कर मामले की गहनता से जांच की। घटना के सन्दर्भ में अब प्रशासन द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं।

सीमा विवाद है बड़ी वजह

सीमा विवाद यहां एक बड़ी समस्या है, बावजूद इसके प्रशासन अपनी पहाड़ की पैमाइश भी करा चुका है। पैमाइश में राजस्थान के लीज धारकों द्वारा अवैध खनन के प्रमाण भी सामने आए हैं। विगत दिनों पहले प्रशासन की ओर से 2200 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन भी किया गया है था लेकिन उसे मामले में ना तो किसी पर मुकदमा दर्ज हुआ और ना ही किसी पर रिकवरी डाली गई है।

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Illegal mining in Aravalli-यह है पूरा खेल

हरियाणा के पहाड़ की दूसरी तरफ नांगल और छपरा का एक बड़ा क्रशर जोन है। इस जोन में राजस्थान सरकार द्वारा लीगल रूप से यहां मीनिंग करने की परमिशन दी हुई है। नियम अनुसार एक लीज का पट्टा 20 वर्ष के लिए छोड़ा जाता है। यह पट्टा 100×100 एवं 50×200 मीटर तक होता है।

तय किये गये हैं पिल्लर

ये जो लीज हैं ये सभी हरियाणा के अरावली क्षेत्र से सटी हुई हैं। अब इसमें जो बड़ी बात है वो ये है कि इन लीज को चलाने के लिए नियमानुसार चार पिल्लर ए बी सी डी निर्धारित किए जाते हैं। ए और बी पिल्लर राजस्थान की सीमा में हैं जबकि सी और डी हरियाणा सीमा की तरफ तय होते हैं। यहां अब बी और डी गायब हैं।

Illegal mining in Aravalli

सूत्र बताते हैं कि यह लीज धारक अपनी सीमाओं को तोड़कर हरियाणा के अरावली पहाड़ में अवैध खनन कर रहे हैं।

 

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