खनन ठेकेदारों ने दौरे पर उठाये सवाल
यमुनानगर,जगाधरी, 22 जून (हप्र/निस)
विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के 3 सदस्यों की टीम ने बृहस्पतविार को यमुनानगर के खनन जोन का दौरा किया और अवैध खनन एवं ओवरलोडिंग को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा लिया। पीएसी में 9 सदस्य हैं, इसके बावजूद केवल 3 सदस्य ही दौरा कर चले गए।
खनन एवं रायल्टी ठेकेदार कुलविंदर सिंह, करनाल के मनोज वधवा और भिवानी के संदीप डबास ने इस दौरे पर सवाल उठाये और कहा कि जब सरकार ने 9 विधायकों को लोक लेखा समिति का सदस्य बनाया है, तो केवल 3 विधायकों की रिपोर्ट कहां तक सही होगी। खनन ठेकेदारों ने बताया कि यमुनानगर पहुंचे पीएसी के तीन विधायकों में से एक विधायक पिछले 25 वर्षों से जिला यमुनानगर में खनन कारोबार से जुड़ा हुआ है। यमुनानगर खनन जोन के डोईवाला एवं बल्लेवाला क्षेत्र में स्टोन क्रेशरों में समिति में शामिल विधायक का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से संबंध है। उन्होंने बताया कि विधायक के नजदीकी रिश्तेदार विधायक का खनन कारोबार संभाल रहे हैं। कुछ महीने पहले इन्हीं की फर्मों द्वारा नकली ई-रवाना एवं अवैध खनन के चलते सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई। विभाग ने कार्रवाई करते हुए उपरोक्त फर्म का पोर्टल बंद करवा दिया गया, जिसकी जांच की जा रही है। खनन ठेकेदारों का आरोप है कि विधायक के साथ आए अन्य 2 विधायकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर जिन क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया, उनमें एक पट्टे में यमुना नदी में अधिक पानी आने के कारण खनन नहीं हो रहा था और दूसरे पट्टे में भी नियम अनुसार खनन किया जा रहा है। खनन ठेकेदारों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जब तक खनन व्यापार से जुड़ा विधायक समिति का सदस्य रहेगा तब तक सरकार के पास खनन की निष्पक्ष रिपोर्ट पहुंचना नामुमकिन है। यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह ने बताया कि 2004 से लेकर 2014 तक मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यमुनानगर खनन जोन को बंद करवा दिया था। वर्ष 2014 में मनोहर लाल सरकार ने खनन कारोबार को फिर से शुरू करवा दिया। पूर्व विधायक का कहना है कि अब एक बार फिर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने विधायक द्वारा झूठी रिपोर्ट पेश करवा कर यमुनानगर खनन जोन को बंद करवाना चाहते हैं।