Jalyodha Mini Dwarka : गणतंत्र दिवस समारोह में प्रतिभा दिखाएंगी जलयोद्धा मिनी द्वारका
चरखी दादरी, 12 जनवरी (प्रदीप साहू/ हप्र) : पिछले पांच साल से अटल भूजल योजना (Jalyodha Mini Dwarka) से जुड़कर पानी बचाने की दिशा में काम कर रहीं जलयोद्धा मिनी द्वारका का 26 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मिनी द्वारका का चयन हुआ है। मिनी अब दिल्ली में देशवासियों को अपनी प्रतिभा दिखाते हुए जल बचाने का आह्वान करते नजर आएंगी। मिनी इससे पहले प्रदेश में सक्षम योजना के तहत भी काम कर चुकी हैं।
Jalyodha Mini Dwarka : एमए, बीएड तक की है पढ़ाई
बता दें कि चरखी दादरी के गांव द्वारका निवासी एमए, बीएड पास मिनी देवी वर्ष 2019 से ही अटल भूजल योजना से जुड़कर पानी बचाने की दिशा में काम कर रही हैं। उस समय उनके गांव द्वारका समेत पूरा क्षेत्र डार्क जोन में था और पानी का जलस्तर करीब 400 फीट नीचे चला गया था। गांव में पानी की किल्लत झेलने के बाद मिनी भूजल योजना से जुड़ीं और पानी बचाने का जुनून इस कदर सवार हो गया कि आज पूरे देश में उनकी चर्चाएं हैं। मिनी सुबह जल्दी ही चूल्हा चाका कर लोगों के घर पहुंचकर महिलाओं की चौपाल में पानी का महत्व बताते हुए पानी बचाने का आह्वान कर रही हैं।
इस तरह मुहिम रंग लाई
मिनी देवी ने बताया कि अटल भूजल योजना के अधिकारियों के साथ गांव-गांव जाकर जल संरक्षण के लिए कई गांवों में जल बिल बोर्ड, जलस्तर संकेतक बोर्ड लगवाये हैं और उनका अभियान लगातार जारी है। वहीं उन्होंने गांवों में वर्षा जल मापी यंत्र भी लगवाए हैं। मिनी देवी के जागरूकता अभियान के दौरान धीरे-धीरे गांवों में भूमिगत जल की स्थिति में सुधार होने लगा। दो साल पहले द्वारका समेत पूरे बाढड़ा क्षेत्र को प्रशासन ने ड्राई जोन से बाहर कर दिया है। इन कार्यों को देखते हुए मिनी द्वारका को केंद्र सरकार ने जल योद्धा की संज्ञा दी है। इनका चयन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किया गया है। वह समारोह में मिनी जल संरक्षण पर भाषण के माध्यम से अपनी प्रस्तुति देंगी।
Jalyodha Mini Dwarka : गांव में भूमिगत जलस्तर 400 फीट नीचे
बता दें कि मिनी का गांव द्वारका प्रदेश के ऐसे ब्लॉक में स्थित है जो नीति आयोग की रिपोर्ट में पिछड़ी श्रेणी में शामिल है। इस क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर 400 फीट नीचे है। मिनी इस क्षेत्र में मेहनत और लगन से जागरूकता कार्यक्रम चलाए हुए हैं ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए पेयजल का संकट न होने पाए। मिनी बताती हैं कि अभी ही पानी पाताल में पहुंच गया है और हमारी पीढ़ी ने भी पानी नहीं बचाया तो आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए पानी कहां से मिलेगा। जल की एक भी बूंद बेकार नहीं जानी चाहिए।