हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग का ‘येलो’ अलर्ट जारी, 21 तक बारिश का अनुमान
शिमला, 15 सितंबर (एजेंसी)
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने राज्य के छह जिलों में रविवार और बुधवार को अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाएं चलने और गरज के साथ बारिश होने का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने राज्य में 21 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही और शनिवार शाम से कसौली में सबसे अधिक 53 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई।
इस अवधि के दौरान धरमपुर में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि रेणुका में 20 मिमी, करसोग में 10 मिमी, नाहन में 7.9 मिमी, कल्पा में 7.7 मिमी, सराहन में छह मिमी तथा धर्मशाला और कांगड़ा में 5.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, शनिवार शाम राज्य में 40 से अधिक सड़कें बंद कर दी गईं और 53 बिजली आपूर्ति योजनाएं बाधित हुईं। राज्य में एक जून से 15 सितंबर तक मानसून के दौरान बारिश की कमी 18 प्रतिशत है, राज्य में मानसून के दौरान 689.6 मिमी औसत बारिश के मुकाबले 562.9 मिमी बारिश हुई है। अधिकारियों के अनुसार, राज्य में मानसून के आगमन के बाद, 27 जून से शनिवार तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 169 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि बारिश संबंधी घटनाओं में राज्य को 1,327 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
श्री खंड महादेव कैलाश पर्वत पर सीजन का पहला हिमपात
प्रेम राज काश्यप (हप्र) : महादेव के पंच कैलाशों में से एक और उत्तर भारत का सबसे कठिनतम कैलाश निरमंड विकास खंड का श्री खंड महादेव कैलाश पर्वत पर बीती रात को सीज़न का पहला हिमपात हुआ। कैलाश पर्वत की सामने वाली छोटी कार्तिक पर्वत की शृंखलाओं में भी सीज़न की पहली हल्की बर्फबारी हुई है। श्री खंड महादेव कैलाश पर्वत के आसपास की ऊंची चोटियों ने भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। शिव भक्तों को महादेव के दर्शनों के लिए अब अगले वर्ष जून व जुलाई महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा। अब ऐसी बर्फबारी में शिव भग्तों का महादेव की पवित्र शिवलिंग तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। वहीं ऊपरी चोटियों पर हिमपात और निकले क्षेत्रों में जमकर बारिश होने से अब तापमान में भी गिरावट आई है और सुबह शाम के तापमान में पहले के मुकाबले काफी गिरावट दर्ज की गई है जिसके चलते अब सर्दियों का आगाज़ हो गया है।