आदमपुर का संदेश
सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करने के बाद मंगलवार की सुबह अचानक पंजाब स्थित आदमपुर एयरबेस की यात्रा करके प्रधानमंत्री ने सबको चौंकाया। प्रतीकों के जरिये संदेश देने की कला में माहिर प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। निस्संदेह, इस यात्रा के गहरे निहितार्थ थे। पहले तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी हमले के सामने अभेद्य दीवार बनकर खड़े रहे इस एयरबेस के वायु सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था, तो दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के सामने पाक को बेनकाब करना था। दरअसल, पाक ने दावा किया था कि उसने आदमपुर एयरबेस पर हमले करके ‘सुदर्शन चक्र’ यानी एस-400 को तबाह कर दिया है। प्रधानमंत्री ने इस एयरबेस में वायु सेना के कर्मियों से बातचीत की और शानदार काम के लिये उनकी पीठ थपथपायी। निश्चय ही प्रधानमंत्री का वायु सैनिकों के बीच जाकर उनका उत्साहवर्धन करना प्रेरक पहल है। निस्संदेह, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की भूमिका निर्णायक रही। आतंकी ठिकानों और सैन्य हवाई अड्डों पर सटीक हमले इस ऑपरेशन के कामयाब लक्ष्य रहे। सबसे महत्वपूर्ण इस दौरान भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता रही। जिसने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक क्षेत्रों पर हमले की पाकिस्तान की तमाम कोशिशों को विफल बना दिया । उल्लेखनीय है कि सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों को तिनके की तरह मार गिराने के लिये देश के वायु रक्षा कवच की मुक्तकंठ से प्रशंसा की थी। ठीक अगले ही दिन, उन्होंने आदमपुर एयरबेस की यात्रा की और वायु सैनिकों का मनोबल बढ़ाया। निश्चित रूप से यह हमारे वायु योद्धाओं और सशस्त्र बलों की बहादुरी को देश का हृदय से सलाम ही था। साथ ही प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार की जड़ पर प्रहार किया। दरअसल पड़ोसी पाक दावा करता रहा है कि उसकी मिसाइलों ने आदमपुर में भारतीय वायु रक्षा प्रणाली एस-400 को ध्वस्त कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि जब प्रधानमंत्री वायु सैनिकों को संबोधित कर रहे थे तो पृष्ठभूमि में स्पष्ट रूप से सही-सलामत ‘सुदर्शन चक्र’ दिखायी दे रहा था। अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को सच बताने के लिये ये काफी था। एयरबेस में वायु सेना कर्मियों व अधिकारियों में खासा उत्साह दिखायी दिया। जो पाक को स्पष्ट संदेश दे गया कि वायु सेना के पास जश्न मनाने की वजह मौजूद है। निश्चित रूप से पाकिस्तान के मुकाबले भारत की वायु शक्ति की श्रेष्ठता पर कभी संदेह नहीं रहा। लेकिन यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ही था, जिसने नये युग के युद्ध में भारतीय वायुसेना की दक्षता सिद्ध की। देश की वायु सेना युद्ध शक्ति, आक्रमण, रक्षा क्षमता,आधुनिकीकरण और रसद आपूर्ति के मामले में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ वायुसेनाओं में से एक है। वैश्विक स्तर पर,यह चीन,इस्राइल और फ्रांस की वायु सेनाओं से भी बेहतर है। यही वजह है कि भारतीय वायुसेना को उपमहाद्वीप में स्पष्ट व निर्णायक बढ़त प्राप्त है। जिसके चलते पाकिस्तान को किसी दुस्साहस करने से रोका जा सका है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता इस बात की गवाह है कि अचूक मिग-29 फाइटर जेट्स और ‘सुदर्शन चक्र’ एस-400 की ताकत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। साथ ही नागरिक क्षेत्रों पर सैकड़ों ड्रोन हमलों को विफल बना दिया। उल्लेखनीय है कि आदमपुर एयरबेस मिग-29 फाइटर जेट्स का गढ़ माना जाता है। केवल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ही नहीं, वर्ष 1971 के इस एयर बेस ने पाक के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभायी थी। इस बार उन्नत मिग-29 ने लाहौर और कराची में पाक के एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त करके पाक सेना का मनोबल तोड़ दिया। दरअसल, वेस्टर्न कमांड के तहत भारत की वायुसेना के इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम ने भारत की वायु प्रतिरक्षा प्रणाली को अभेद्य बना दिया। जो पश्चिमी हवाई सीमा के लिये कवच साबित हुई। बहरहाल, आदमपुर में प्रधानमंत्री के दौरे ने पाक को साफ चेतावनी दे दी है कि भारत का आसमान कुशल वायुसेना के योद्धाओं के चलते अभेद्य है। हम हर चुनौती के मुकाबले के लिये तैयार हैं। साथ ही यह भी बताया कि हम न केवल अपनी रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि दुश्मन को उसके घर में भी शिकस्त दे सकते हैं।