वरिष्ठ लाइब्रेरियन पद के लिए नियमों में संशोधन को सौंपा ज्ञापन
कुरुक्षेत्र, 22 जून (हप्र)
प्रदेश सरकार कॉलेजों और डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी में वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष पद के लिए पिछले 40 साल से योग्यता का पुनवर्गीकरण और संशोधन लंबित है। इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर हरियाणा लाइब्रेरी एसोसिएशन ने शहरी और स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को सीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रुपेश गौड़, डॉ. अजय कुमार अरोड़ा महासचिव, प्रदीप कुमार, सुखबीर सिंह और विकास कुमार मौजूद रहे। हरियाणा लाइब्रेरी एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से अपील की कि सरकारी कॉलेजों और जिला पुस्तकालयों में वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष और सरकारी स्कूलों में पुस्तकालयाध्यक्ष के पद के लिए योग्यता को मानकों के अनुरूप लाया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों के अनुसार, पुस्तकालयाध्यक्ष पद के लिए न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ पुस्तकालय और सूचना विज्ञान में मास्टर डिग्री समेत अन्य योग्यता की आवश्यकता होती है। जबकि यह योग्यता सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों में पूरी तरह से लागू है, हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में इसे अपनाया नहीं गया है। इस अंतर के कारण योग्य उम्मीदवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में, हरियाणा एजुकेशन कॉलेज ग्रेड सर्विस रूल्स-1986 के अनुसार वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष के पद के लिए द्वितीय श्रेणी के स्नातक और द्वितीय श्रेणी के मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस की आवश्यकता होती है, जो एक पुराना मानदंड है। पुराने नियम के कारण योग्य पेशेवरों की भर्ती में अड़चन आ रही है और पिछले चार दशकों में किसी भी वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष की सीधी भर्ती नहीं हुई है।
सरकार ने नियमों में आवश्यक संशोधन नहीं किए
एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से राज्य सरकार से 1986 के सेवा नियमों में संशोधन करने और इन मानदंडों के अनुसार पुस्तकालयाध्यक्ष, वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष की योग्यता को संरक्षित करने का आग्रह किया।