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हिमाचल प्रदेश में भूकंप की तैयारियों पर मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन

10:06 AM Jun 07, 2025 IST
हिमाचल प्रदेश में भूकंप की तैयारियों पर मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन
प्रतीकात्मक फोटो।
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शिमला, 6 जून (हप्र)
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से शुक्रवार को प्रदेश भर में 9वां राज्य स्तरीय मेगा मॉक अभ्यास आयोजित किया। यह मॉक अभ्यास घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया, जिसे राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 7 सितंबर 2017 को औपचारिक रूप से अधिसूचित इंसिडेंट रिस्पांस टीमें गठित करने के बाद से अपनाया गया है।
इस मेगा मॉक अभ्यास को तीन प्रमुख चरणों में आयोजित किया गया। 27 मई 2025 को ओरिएंटेशन और कोऑडिनेशन कार्यशाला, 3 जून 2025 को टेबल-टॉप अभ्यास तथा 6 जून 2025 को वास्तविक तौर मैगा मॉक अभ्यास का आयोजन शामिल है। इस अभ्यास में राज्य के सभी जिलों में कुल 109 सिमुलेशन साइट्स पर गतिविधियां आयोजित की गईं। जिनमें बिलासपुर में 4, चंबा में 9, हमीरपुर में 10, कांगड़ा में 17, किन्नौर में 7, कुल्लू में 7, लाहौल-स्पीति में 9, मंडी में 12, शिमला में 12, सिरमौर में 7, सोलन में 9 तथा ऊना जिला में 6 साईट्स शामिल हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न भूकंप-जनित आपदा परिदृश्यों जैसे ग्लेशियर लेक आउटबर्स्ट फ्लड (गलोफ), भूस्खलन, चट्टानों का गिरना, बांध टूटना, इमारतों का ढहना, अस्पतालों की आपातकालीन प्रतिक्रिया, अग्निकांड, औद्योगिक दुर्घटनाएं, तेल रिसाव और बड़े हादसों की संभावनाओं वाले इकाइयों (एमएएच) पर आधारित स्थितियों का अभ्यास किया गया।
इस अभ्यास में राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों जैसे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीएमए), भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), दीपक प्रोजेक्ट और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सक्रिय रूप से भाग लिया। राज्य स्तर पर होमगार्ड, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीएमए), अग्निशमन सेवा, पुलिस और अन्य विभागों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर सफल समन्वय में अभ्यास को अंजाम दिया। अभ्यास के उपरांत हुई डी-ब्रीफिंग बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व-आपदा प्रबंधन के.के. पंत ने की।

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निरमंड में आपदा प्रबंधन को लेकर मॉक ड्रिल

रामपुर बुशहर (हप्र) : आपदा प्रबंधन के तहत निरमंड उपमंडल मुख्यालय में आज मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। तहसील कार्यालय निरमंड इस दौरान भूकंप की चपेट में आया। आपदा के दौरान कार्यालय में करीब 37 लोग मौजूद थे।अधिकतर लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई और 12 लोग कार्यालय के अंदर ही फंस गए। मॉक ड्रिल के दौरान प्रात: 9 बजकर 50 मिनट पर यह आपदा आई, 9 बजकर 55 मिनट पर सभी संबंधित विभागों को अलर्ट किया गया और 10 बजे तक राहत और बचाव कार्य शुरु कर दिया गया। सूचना प्राप्त होते ही एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह की अगुआई में रामपुर जल विद्युत स्टेशन बायल की सीआईएसफ की टीम,पुलिस, होम गार्ड, अग्निशमन, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, आपदा मित्र,एनसीसी और विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आपसी समन्वय से राहत और बचाव कार्यों को अंजाम दिया।

प्राकृतिक आपदा से निपटने के सीधे गुर

रामपुर बुशहर (हप्र) : रामपुर बुशहर में प्राकृतिक आपदा से तुरन्त निपटने के लिए उपमंडलाधिकारी (नागरिक) रामपुर बुशहर हर्ष अमरेन्द्र सिंह की नेतृत्व में मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा के समय जान माल की सुरक्षा करने के लिए आपदा से सम्बन्धित विभागों के कर्मचारियों को सक्षम बनाना है। भूकंप के कारण रामपुर बुशहर के साथ लगते सतलुज नदी में अचानक आई बाढ़ में लोगों, बच्चों के मकानों व स्कूलों में फंसे होने की सूचना मिलने पर बचाव टीम द्वारा 24 लोगों को रेस्क्यू कर एम्बुलेंस के माध्यम से पदम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के मैदान में पहुंचाया गया जहां मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद 7 लोगों को रेफर किया गया और एक को मृत घोषित किया जबकि 16 लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। उप मंडलाधिकारी (नागरिक) हर्ष अमरेंद्र सिंह ने बताया कि 9वें राज्य मेगा मॉक एक्सरसाइज का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान को कम करना है। इस मेगा मॉक एक्सरसाइज में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य, राजस्व आदि विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। इस दौरान सतलुज नदी में बाढ़ अथवा प्राकृतिक आपदा के समय मुसीबत में फंसे लोगों को कैसे बचाया जा सकता है इस पर मॉक ड्रिल एक्सरसाइज किया गया। इसके अलावा आगजनी व अन्य आपदा के दौरान भवन में फंसे लोगों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है, बाढ़ में फंसे लोगों को खोजने के लिए ड्रोन का कैसे प्रयोग किया जा सकता है, इसको दर्शाया गया। इसके बारे में उप मंडलाधिकारी हर्ष अमरेन्द्र सिंह व उप-मण्डल पुलिस अधिकारी नरेश शर्मा ने बच्चों को जागरूक किया। कमांडेंट आईटीबीपी चन्द्र शेखर, तहसीलदार परीक्षित कुमार, नायब तहसीलदार सुरेश नेगी, एनडीआरएफ व विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी विशेष रूप से उपस्थित थे।

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