पूर्व सरकार में 341 लाख रुपए से अधिक की दवाईयां हुईं एक्सपायर!
शिमला, 22 दिसंबर (हप्र)
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने अपनी वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट मैं हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की खूब पोल पट्टी खोली है। खासकर राज्य की पूर्व भाजपा सरकार के समय प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा में आई गिरावट का कैग ने विस्तृत खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के बीच 341.59 लाख रुपए की दवाई बिना प्रयोग किये ही एक्सपायर हो गई। इसी तरह प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में 9 से 56 फीसदी तक डॉक्टरों की कमी देखी इस अवधि में रही। आई.जी.एम.सी. शिमला से लेकर जिला अस्पतालों में 15 से लेकर 69 फीसदी तक विशेषज्ञों की कमी दर्ज की गई। जिला अस्पतालों में 88 टेस्ट में से सिर्फ 11 से 47 टेस्ट की ही सुविधा उपलब्ध इस दौरान उपलब्ध रही। इतना ही नहीं प्रदेश के 25 में से 12 अस्पतालों के बल्ड बैंक व 7 एक्स-रे मशीनों के लाइसैंस रिन्यू नहीं किए गए। चयनित 12 में से 9 सिविल अस्पतालों में ओ.पी.डी. सेवाएं उपलब्ध नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार दवाओं की खरीद के लिए राज्य खरीद प्रकोष्ठ निष्क्रिय रहा। अनिवार्य 19 में से 32 दवाओं का स्टाक 11 से 1422 दिन तक उपलब्ध नहीं था।