मेयर ने मारा छापा, 221 में से 74 कर्मचारी थे गैर हाज़िर, 2 दिन का वेतन काटने के निर्देश
एस.अग्निहोत्री/ हप्र
पंचकूला, 3 फरवरी
शनिवार को नगर निगम कार्यालय लगाने के आदेशों की जांच के लिए पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल ने सेक्टर 4 और 12ए की ब्रांच में छापा मारा।
निरीक्षण के दौरान इंजीनियरिंग ब्रांच के 43 कर्मचारियों में से 29 गैरहाजिर पाए गए। बागवानी विंग एक से 40 में से 9 और बागवानी विंग से 36 में से 9, जूनियर इंजीनियर रोहित सैनी की ब्रांच के 21 में से चार, जोनल टैक्सेशन ब्रांच में 13 में से 2, बिल्डिंग ब्रांच में 8 में से 2, नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन ब्रांच में 12 में से 10, अतिक्रमण हटाओ ब्रांच के 37 में से 4 और सुड्डा स्टाफ के पांचों कर्मचारी गैर हाजिर पाए गए।
निरीक्षण के दौरान महापौर द्वारा जूनियर इंजीनियर हितांशु बंसल, हेल्पर प्रदीप को बार-बार बुलाया गया और रजिस्टर दिखाने के लिए कहा गया, लेकिन वह खुद नहीं आए। बाद में रजिस्टर में एक पेन से सारी हाजिरी भरकर भेज दी गई। महापौर ने निर्देश दिया है कि गैर हाजिर पाए गए 74 कर्मचारी से स्पष्टीकरण लिया जाए और सभी का 2 दिन का वेतन काटा जाए। कुलभूषण गोयल ने औचक निरीक्षण में कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शनिवार की छुट्टी पहले से ही रजिस्टर में भर रखी थी, जबकि आयुक्त की ओर से निर्देश दिए जा चुके हैं कि शनिवार को कार्यालय लगेगा।
महापौर ने जांच में पाया कि एक शाखा में एक भी कर्मचारी नहीं था। महापौर कुलभूषण गोयल ने कहा कि जनता से जुड़े कार्यों में लगे कर्मचारियों को शनिवार को ड्यूटी करनी होगी, क्योंकि पंचकूला शहर में ज्यादातर लोग नौकरी पेशा हैं और सरकारी कार्यालयों में काम करते हैं।
जिनकी शनिवार को छुट्टी होती है, इसलिए यह लोग शनिवार के दिन अपने काम करवाने के लिए नगर निगम कार्यालय में आते हैं। ऐसे में यदि कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं होंगे, तो लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
मेयर को मिल रही थीं शिकायतें
कुलभूषण गोयल इससे पहले भी छापा मार कार्रवाई कर चुके हैं। औचक निरीक्षण के दौरान कुलभूषण गोयल के साथ पार्षद सुरेश कुमार वर्मा, सोनिया सूद, सुनीत सिंगला भी थे। सेक्टर 4 और 12ए कार्यालय में अधिकतर ब्रांच में लोगों का आवागमन रहता है, कई लोग अपनी शिकायत लेकर आते हैं और कई लोग अपने कामों को लेकर आते हैं। महापौर कुलभूषण गोयल ने बताया कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही थी कि कर्मचारी सीटों पर नहीं बैठे होते और शनिवार को नहीं आते। दोपहर बाद ज्यादातर कर्मचारी 5 बजे से पहले ही गायब हो जाते हैं। गोयल ने बताया कि नगर निगम के पास 540 कर्मचारी हैं जिन्हें रोजगार कौशल निगम के तहत रखा गया है। इन कर्मचारियों को हर महीने एक करोड़ 40 लाख रुपये वेतन दिया जाता है। इसके अलावा 645 कर्मचारी पालिका रोल पर हैं और लगभग 45 नियमित कर्मचारी हैं।