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मेयर ने किया अमित शाह के कार्यक्रम का बहिष्कार

10:42 AM Aug 05, 2024 IST
मेयर ने किया अमित शाह के कार्यक्रम का बहिष्कार
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मनीमाजरा, 4 अगस्त (हप्र)
चंडीगढ़ नगर निगम ने शहरवासियों को 20,000 लीटर मुफ्त पानी देने का प्रस्ताव दो बार पारित किया है, लेकिन भाजपा शहरवासियों को मुफ्त पानी की सुविधा से दूर रखने के लिए जानबूझकर इसमें बाधा डाल रही है। दूसरी ओर, चंडीगढ़ के लोगों को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने के नाम पर करोड़ों रुपये का कर्ज लिया जा रहा है जिसका सारा बोझ चंडीगढ़ वासियों पर पड़ेगा।
यह आरोप रविवार को चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार ने मनीमाजरा में 24 घंटे पानी के पायलट प्रोजेक्ट के उद्घाटन का बहिष्कार करने के बाद लगाते कहा कि इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का उनका मुख्य कारण यह है कि आज तक किसी भी शहरवासी ने 24 घंटे जलापूर्ति की मांग नहीं की है। भाजपा जबरदस्ती इस प्रोजेक्ट को शहरवासियों पर थोप रही है और करोड़ों रुपये बर्बाद कर रही है। अगर शहरवासियों को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी की सुविधा मिल जाए तो इससे उनकी गृहस्थी आसान हो जाएगी और उन पर आर्थिक बोझ भी कम होगा।
मेयर कुलदीप कुमार ने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 24 घंटे के जल पायलट प्रोजेक्ट के उद्घाटन कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर उनका और चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी का नाम नहीं लिखा गया। उन्होंने कहा कि मेयर और सांसद सभी चंडीगढ़वासियों के हैं। उनका नाम न लिखना समस्त चंडीगढ़वासियों का अपमान है। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी अभी तक मेयर चुनाव और लोकसभा चुनाव हारने के सदमे से उबर नहीं पाई है, जिसके कारण वह प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इस तरह की कार्रवाई कर रही है।

भाजपा ने चंडीगढ़ को भारी विदेशी कर्ज़ तले दबाया - कांग्रेस

चंडीगढ़ कांग्रेस ने मनीमाजरा में 24&7 निर्बाध जलापूर्ति के कार्यान्वयन का स्वागत किया है, परन्तु परियोजना के लिए धन जुटाने और भारी विदेशी कर्ज़ उठाने के तरीके पर आपत्ति जताई है, क्योंकि इससे पूरे शहर के निवासियों पर बोझ पड़ेगा। कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि जब भाजपा ने वर्ष 2015 में चंडीगढ़ नगर निगम की कमान संभाली थी, तब नगर निगम के पास अपने संसाधनों से 500 करोड़ की इस परियोजना को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन था। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह आरोप लगाया कि तब से लेकर अगले 9 वर्षों में साल 2024 की शुरुआत तक निगम में व्याप्त कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण निगम की ऐसी हालत हो चुकी है कि अब धन की कमी के चलते शहर में महत्वपूर्ण विकास कार्यों को भी रोकना पड़ रहा है।

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