‘मातूराम की जलेबियों पर लिपटी राजनीति की चाशनी’
चंडीगढ़, 7 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
मई में हुए लोकसभा चुनाव की तरह इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में गोहाना (सोनीपत) के मातूराम हलवाई की जलेबियाें (जलेब) की भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। गोहाना में कांग्रेस के रोड-शो व जनसभा के दौरान रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को जलेबियाें का डिब्बा भेंट किया था।
राहुल गांधी को मंच पर जलेबी भी खिलाई गई थी। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातूराम हलवाई का जिक्र करके उनकी जलेबियों की तारीफ की थी।
अब गोहाना में राहुल गांधी ने जलेबी का स्वाद चखने के बाद इसे किसी बड़े कारखाने में तैयार करवाने की बात कही तो भाजपा ने इसे ट्रोल करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर राहुल का मजाक उड़ाया गया। यह बताने और जताने की कोशिश हुई कि जलेबियां हलवाई बनाते हैं, कारखाने में नहीं बना करती। हालांकि, कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने भाजपा के इस प्रचार का जवाब देते हुए कई ऐसे वीडियो वायरल किए, जिसमें जलेबियां कारखाने में मशीन ने बनती दिखाई जा रही थी। कुल मिलाकर जलेबियों पर भी राजनीति शुरू हो गई। राजनीति की चासनी में लिपटी जलेबियों पर चल रही चर्चा के राजनीति की चाशनी में लिपटी जलेबियों पर चल रही चर्चा के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुटकी ली है। नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हरियाणा दौरे का विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों ने राहुल गांधी को तवज्जो नहीं दी। उन्हें किसी ने गाड़ी में जलेबी का डिब्बा पकड़ा दिया। वे जलेबियां देखकर हैरान हो गए और कहने लगे इतनी बड़ी जलेबियां यहां बनती हैं।
दीपेंद्र ने किया पलटवार
भारतीय जनपा पार्टी के नेता एवं कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी की इस राहुल गांधी पर की गई टिप्प्णी को लेकर रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा-’नायब जी..., आप चिंता न करें। राहुल गांधी के नेतृत्व में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस सरकार बनाकर उसी गोहाना की जलेब का डिब्बा आपके पास याद से रात आठ बजे के आसपास जरूर भिजवाएंगे।’ सांसद दीपेंद्र हुड्डा यहीं नहीं रुके। अपनी पोस्ट में लिखा- ‘राहुल गांधी ने राज्य की बेरोजगारी पर भारतीय जनता पार्टी को लपेटते हुए कहा था कि रोजगार की संभावना कहीं भी और कैसे भी हो सकती है, लेकिन भाजपा ने कभी रोजगार को प्राथमिकता दी ही नहीं।’