चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में अभिनय की महारत
असीम चक्रवर्ती
आर्ट फिल्मों के साथ ही मुख्यधारा की फिल्मों में भी अर्थपूर्ण अभिनय के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस के तौर पर तब्बू बहुत लोकप्रिय हैं। असल में वह चंद उन एक्ट्रेस की श्रेणी में आ चुकी हैं,जो किसी भी स्टारडम के पैमाने से हटकर हैं। शायद यही एक वजह है कि अच्छे रोल की तलाश में अकसर ही उनका नाम उभरता है। जहां तक तब्बू का प्रश्न है, वह इसे हमेशा की तरह अपने वर्किंग स्टाइल का एक हिस्सा मानती रही हैं -
जोड़ी नहीं, सिर्फ संयोग
स्टार कास्ट कभी भी उनके लिए प्रॉब्लम नहीं बनी है। अमिताभ से लेकर अजय देवगन तक कई अच्छे अभिनेताओं का साथ उन्हें मिलता रहा है। मगर अजय देवगन के साथ उनकी जोड़ी बेहद चर्चित रही है। ‘विजयपथ’ से लेकर औरों में कहां दम था’ तक यह जोड़ी अब तक बीस से ज्यादा फिल्में कर चुकी है। तब्बू इसे सिर्फ एक संयोग मानती हैं। वह कहती हैं,‘जोड़ी बनाना मेरे वश की बात नहीं है। मैं तो वैसे भी बीच-बीच में लंबा रेस्ट ले लेती हूं, लेकिन अजय पिछले कई साल से लगातार फिल्में कर रहे हैं।’
अंट-शंट फिल्में
उनके बारे में मशहूर है कि वह निकृष्ट फिल्मों में भी बड़ी आसानी से अपनी उपस्थिति दर्ज कर लेती हैं। हालांकि उनकी ऐसी फिल्मों को दर्शकों ने एक झटके में खारिज कर दिया। पर इससे तब्बू की ऊंचाई कभी प्रभावित नहीं हुई। उनके मुताबिक,‘ एक फिल्म साइन करने का मतलब है कि उसके प्रति आपको छह-सात माह तक समर्पित रहना पड़ेगा। इसकी रिलीज के बाद ही हमें पता चलता है कि हमारे समर्पण का कितना फायदा या नुकसान हमें हुआ है। पर इस आधार पर कोई आकलन गैर जरूरी है।’
टैलेंट का आकलन
वह रोल के चैलेंज को अच्छी तरह से समझती हैं। किसी बेकार-सी फिल्म में काम करने का अफसोस उन्हें भी सालता है। वह कहती हैं,‘ अन्य एक्टर्स की तरह यह चूक मुझसे भी होती रही है। लेकिन इस बारे में ज्यादा माथापच्ची करने का फायदा नहीं। मैं बस इस बात का ख्याल रखती हूं कि अपने टैलेंट का पूरा उपयोग करूं।’ कभी गुलजार साहब ने उन्हें सुझाव दिया था कि हमेशा अपने रोल और डायरेक्टर पर सबसे ज्यादा ध्यान देना। शायद यही वजह है कि गुलजार साहब हों या शुद्ध मसाला फिल्मों के सर्जक अनीस बज्मी, चुनौतीपूर्ण रोल के लिए उन सभी की पहली पसंद तब्बू होती हैं।
इन्टेलिजेन्ट अदाकारा
तब्बू को कई बार आलोचकों ने इन्टेलिजेन्ट एक्टर का खिताब दिया है। जबकि तब्बू इसे कबूल नहीं करती हैं,‘यह खिताब मैंने खुद को नहीं दिया है। जहां तक मेरी सोच है,कोई भी एक्टर इन्टेलिजेन्ट नहीं हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि तब्बू एक इन्टेलिजेन्ट महिला हो। पर यह जरूरी नहीं कि इन्टेलिजेन्ट होने पर ही वह अलग तरह की फिल्में करेगी और नहीं है तो कमर्शियल फिल्म करेगी।’
पर्सनैलिटी के मुताबिक
हमेशा की तरह वह अपने बारे में विस्तार से चर्चा करना पसंद नहीं करती हैं। वह दो टूक कहती हैं,‘अपने बारे में ढिंढोरा पीटकर कुछ कहना ,शुरू से ही मुझे अच्छा नहीं लगता रहा है। लोगों से बहुत ज्यादा मिलना-जुलना मुझे पसंद नहीं है। जब तक कोई व्यक्ति सामने से नहीं मिलना चाहता है,मैं उससे मिलने के बारे में सोचती भी नहीं हूं।’वैसे भी यदि आप उनके कैरिअर को शुरू से फॉलो करें,तो आप देखेंगे कि उन्होंने हमेशा अपने आपको मीडिया की लाइम लाइट से दूर रखा है। वे बताती हैं,‘असल में मैं हर समय लाइम लाइट में रहने की जरूरत महसूस नहीं करती हूं।’
मेर मन को भाया
इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि यह सब वह अपनी पर्सनैलिटी बिल्ड अप करने के लिए करती हैं। दरअसल उनका व्यक्तित्व ही ऐसा है। न ही उन्होंने कभी अपने व्यक्तिगत और वर्किंग लाइफ को लेकर कभी कोई अफसोस किया है। उनके मन को जो भाया,वही उन्होंने किया। वह बताती हैं,‘मैं बहुत साधारण लड़की हूं। अपना प्रचार सचिव रखना या ट्विटर को एक्टिव रखने की जरूरत मैं महसूस नहीं करती हूं। इसलिए मेरे दर्शक दोस्त मुझे इतना मिस करते हैं। हर समय यदि मुझे देख पाते तो क्या मुझे इस तरह से मिस करते।’