भिवानी की चिनार कपड़ा फैक्टरी में भीषण आग से लाखों का नुकसान
भिवानी, 14 दिसंबर (हप्र)
शहर की प्रमुख कपड़ा फैक्टरी चिनार परिसर में भीषण आग लगने से भारी नुकसान हुआ है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीआईएम) जिला कमेटी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जिला कमेटी का आरोप है कि घटना के समय जिला प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा, और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की संख्या और उपकरणों की कमी के कारण आग को समय पर काबू नहीं पाया जा सका।
बीती रात, चिनार फैक्टरी में लगी आग इतनी भयानक थी कि उसे बुझाने में पूरी रात का समय लग गया। भिवानी, चरखी दादरी, लोहारू, रोहतक, हिसार आदि से एक दर्जन से अधिक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं, लेकिन आग में करोड़ों रुपये का कपड़ा जलकर राख हो गया। आग इतनी तीव्र थी कि आधे किलोमीटर दूर से भी इसकी लपटें दिखाई दे रही थीं। चिनार फैक्टरी रोहतक रोड पर स्थित है, जहां प्रशासनिक कार्यालय और वेयरहाउस हैं। फैक्टरी की मुख्य ब्रांच में कपड़ा तैयार किया जाता है। फैक्टरी के अधिकारियों के अनुसार, वे शाम 7 बजे फैक्टरी बंद कर घर जा चुके थे और केवल गार्ड ही मौके पर थे। रात करीब 9 बजे गार्ड ने एमडी को फोन करके आग लगने की सूचना दी। पहले दमकल विभाग की एक गाड़ी पहुंची, लेकिन उसमें प्रेशर नहीं था, और दूसरी गाड़ी भी देर से पहुंची। तब तक पूरी फैक्टरी आग की चपेट में आ चुकी थी। फैक्टरी के एमडी मीनू अग्रवाल ने कहा कि आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन आग से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, जिसका आंकलन बाद में किया जाएगा।
घटना का पता चलते ही माकपा व कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कामरेड ओमप्रकाश घटना स्थल पर पहुंचे और पाया कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां कम आई थीं, और उनमें आग बुझाने का सही उपकरण नहीं था। उन्होंने घटना के कारणों की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि बीमा कंपनी को मालिकों को पूरा मुआवजा देना चाहिए, साथ ही सरकार को भी मालिकों और मजदूरों के लिए न्यायोचित मुआवजा देना चाहिए, ताकि आगजनी से हुए नुकसान की भरपाई हो सके।