गिलानी की मौत के बाद तिहाड़ जेल में कैद मसर्रत आलम बने हुर्रियत कानफ्रेंस के नये चेयरमैन
सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 7 सितम्बर
आखिर हुर्रियत कांफ्रेंस के पाक समर्थक व कट्टरपंथी धड़े ने अपनी कट्टरता को बरकरार रखते हुए सईद अली शाह गिलानी की मौत के बाद उनके सबसे करीबी मसर्रत आलम बना को नया चेयरमैन बनाया है। अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी की मौत के 7 दिन बाद आखिरकार आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस को नया चेयरमैन मिल गया है। कट्टरवादी मसर्रत आलम भट को हुर्रियत का नया चेयरमैन बनाया गया है। हुर्रियत में इसी के साथ और भी कई बदलाव किए गए हैं। नये चेयरमैन मसर्रत आलम मुस्लिम लीग के साथ संबंधित हैं। 50 वर्षीय आलम इस समय तिहाड़ जेल में कैद हैं। मसर्रत आलम को गिलानी का दाहिना हाथ बताया जाता रहा है। हालांकि मसर्रत आलम अभी जेल में है। हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि मोहम्मद अशरफ सेहराई के बाद गिलानी के निधन से आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस को एक अपूरणीय क्षति हुई है।
हुर्रियत ने दावा किया कि विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए कार्यकारी परिषद के सदस्यों से परामर्श किया गया, जिसमें मसर्रत आलम को हुर्रियत कांफ्रेंस का अगला अध्यक्ष चुना गया है। शब्बीर अहमद शाह और गुलाम अहमद गुलजार को उपाध्यक्ष चुना गया है।
कट्टरपंथी मसर्रत आलम साल 2008 और 2010 में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सूत्रधार कहे जाते हैं। आलम को 17 अप्रैल, 2015 को जेल में बंद किया गया था। उनके अभी जेल से रिहा होने की उम्मीद नहीं है। मौलवी बशीर अहमद इरफानी पहले की तरह ही महासचिव के पद पर बने रहेंगे। हुर्रियत की सभी समितियां वाइस चेयरमैन गुलाम अहमद गुलजार के दिशानिर्देशों पर काम करेंगी। यह अंतरिम प्रबंध हुर्रियत के संविधान के अनुसार चुनाव होने तक किया गया है। हुर्रियत की ओर से दावा किया गया है कि जैसे ही हालत में सुधार होगा, चुनाव करवाया जाएगा।
