गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब में शहीदी समागम, हजारों ने नवाया शीश
अम्बाला शहर, 29 दिसंबर (हप्र)
खालसा पंथ के सृजनहार गुरु गोबिंद सिंह, माता गुजर कौर, 4 साहिबजादों व समूह शहीदों की याद में सफर ए शहादत के तहत ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब में शहीदी समागम करवाया गया। इसका आयोजन हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध और शिरोमणि अकाली दल आजाद के प्रधान एवं धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के दिशानिर्देश पर हुआ।
समागम में गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथसर दादू साहिब के हजूरी रागी गुरसेवक सिंह रंगीला ने वैरागमयी शबद कीर्तन किया जबकि सुखविंदर सिंह स्वतंत्र और सुखचैन सिंह शीतल के जत्थे ने ढाडी वारों से संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा। समागम में श्री अकाली तखत साहिब के पूर्व जत्थेदार एवं तखत साहिब पंथक अकाली लहर के प्रधान सिंह साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह, यूएसए सक चरण सिंह प्रेमपुरा, गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब न्यूयॉर्क से बिशन सिंह जनसूआ, दमदमी टकसाल से भाई मोहकम सिंह, अकाली दल स्वतंत्र के प्रधान परमजीत सिंह सहोली, हरियाणा कमेटी के वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल व दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पंजाब धर्म प्रचार प्रभारी मनजीत सिंह भोमा और पदमश्री जगजीत सिंह दर्दी ने संगत को संबोधित किया। हरियाणा कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह व उनके परिवार का हौंसला अडिग रहा। शहीदी देने से न कतराते हुए उन्होंने मानव जाति के समक्ष हर कठिनाई में बुलंद हौसले की अद्वितीय मिसाल पेश की। उन्होंने कहा कि हमें साहिबजादों से धर्म के प्रति अडिग, निडर, निर्भय व बुलंद हौसले की शिक्षा लेनी चाहिए।
जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि साहिबजादे धर्म, कौम के प्रति अडिग और निडर, निर्भय व अदम्य साहस की मूरत हैं।
इससे पहले हरियाणा कमेटी के अनेक सदस्यों, जत्थेबंदियों समेत बड़ी संख्या में संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष हाजिरी लगाई।