प्रेममय होगा दाम्पत्य संवेदनशील व्यवहार से
शिखर चंद जैन
हम बाहरी लोगों के साथ तो बड़े अदब के साथ पेश आते हैं और उन्हें क्या अच्छा या बुरा लगेगा इस बात का बड़ा ध्यान रखते हैं लेकिन अक्सर अपने घर में सामान्य शिष्टाचारों के प्रति लापरवाह हो जाते है। व्यवहार विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेममय जीवन के भी कुछ कायदे और शिष्टाचार होते हैं इसलिए सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए पति-पत्नी दोनों को ही उनका ध्यान रखना चाहिए :-
जब जीवनसाथी किसी की प्रशंसा करे
दूसरी किसी महिला की प्रशंसा अपने पति के मुंह से सुनते ही कई महिलाएं चिढ़ जाती हैं। उनके मन में ईर्ष्या उत्पन्न हो जाती है और कुछ के मन में तो शक का बीज पनप जाता है। कुछ महिलाएं भावुक होकर पति को खरी-खोटी सुनाने लगती हैं या फिर मुंह फुलाकर बैठ जाती हैं। कई तो आंखों से आंसू बहाते हुए यह भी कहने लगती हैं, ‘तुम्हें तो मेरी कोई चीज अच्छी नहीं लगती, सारा दिन उसी के गुण गाते रहते हो, फिर किसी ओर से ही शादी करते..। लेकिन यह आदत बिल्कुल अच्छी नहीं। वहीं पत्नी किसी पुरुष की प्रशंसा करे तो कई बार पति मन में भ्रम पाल बैठते हैं, नाराजगी दिखाते हैं। दूसरी महिला या पुरुष की प्रशंसा का यह मतलब न निकालें कि आपका जीवनसाथी आपकी बुराई कर रहा है।
घुमा-फिरा कर अपनी बात कहना
कुछ महिलाएं किसी बात को साफ-साफ नहीं कहतीं और घुमा-फिरा कर पहेली सी बुझाती हैं। पति उनकी बात समझ नहीं पाते, तो वे ताने कसने लगती हैं। जैसे, ‘मेरी भाभी तो अपने पीहर गई है। भैया ने अपने साले के लिए नया मोबाइल भेजा है। ऐसा सुनकर वे पति को परोक्ष रूप से कहना चाहती हैं कि मैं भी मायके जाऊं तो मेरे भाई के लिए कोई बढ़िया गिफ्ट दिलवाना। लेकिन पति इस बात को समझ नहीं पाता तो वे चिड़चिड़ी होकर मिसबिहेव करने लगती हैं। ऐसी आदत से पुरुष परेशान हो जाते हैं और कई बार झगड़ा होने की नौबत आ जाती है। ऐसे ही घुमा-फिराकर बात कई बार पुरुष कहते हैं जो गृहस्थ जीवन में सौहार्द बिगाड़ देता है।
बात-बात में रोना-मुंह फुलाना
आखिर जीवन संगिनी द्वारा बात-बात में टसुए बहाना किस पुरुष को ब सुहा सकता है। फिल्मों के भावुक दृश्य हों, बच्चे को बुखार आ जाए, घरेलू सहायक बाई तीन दिनों तक न आए, नाखून टूट जाए या पुरुष किसी बात पर ध्यान न दे पाए.. कोई भी बहाना चलेगा। और तो और, वे खुशी में भी आंसू बहाने लगती हैं तो कभी-कभी पुरुष इसे ‘नाटक समझने लगते हैं। वे इसे रोज का कृत्रिम व्यवहार मामने लगते हैं। इसी तरह कई पुरुषों की आदत होती है बात-बात पर मुंह फुला लेना। ऐसी आदत के चलते कई बार सही बात पर ऐतराज भी पत्नी गंभीरता से नहीं लेती है।
प्रेम नहीं जिद पूरी करने का जरिया
प्रेम नैसर्गिक जरूरत है लेकिन कुछ महिलाएं कई बार पुरुष की उन भावनाओं को अपना हथियार बना लेती हैं। कोई भी बात मनवानी हो या हल्की सी झड़प भी हो गई हो, तो वे पति को सबसे पहले प्रेम से ही वंचित करती हैं। महिलाओं की यह आदत पुरुषों को नागवार लगती है। कई बार इस आदत से आपस में खटास उत्पन्न हो जाती है। वहीं कई पुरुष भी कई बार बेरुखी का बर्ताव करते हैं।
पर्सनल चीजों से छेड़छाड़
अपनत्व और एकाधिकार जताने के लिए जब पत्नियां ऑफिस बैग, शर्ट-पैंट की पॉकेट, वॉलेट और मोबाइल या लैपटॉप जैसी चीजों से छेड़छाड़ करती हैं या उनकी ‘स्कैनिंग’ करती हैं, तो पति को मन ही मन बहुत कोफ्त होती है। ज्यादा परेशानी तो तब महसूस होती है जब वे किसी महिला, चाहे वह कोई क्लाइंट हो, का कॉल, एसएमएस, फोटो या कोई कागजात देखकर विस्तार से जानने की कोशिश करने लगती हैं। वॉलेट में ज्यादा रुपए देखकर पूछने लगती हैं कि ये कहां से आए, किसने दिए.. आदि। मोबाइल में ऐसी ही ताका-झांकी की आदत कई पुरुष पार्टनर पाले रहते हैं। दोनों ही ओर से स्वाभाविक पारदर्शिता तो हो लेकिन शक जरा भी हितकारी नहीं।
हर वक्त टोकाटाकी की आदत
कुछ महिलाए बात-बात में पति को टोकती हैं। उन्हें अपने पति की हर एक्टविटी या आदत पर ऐतराज होता है। जैसे, आज ये ड्रेस क्यों पहनीॽ आज जल्दी क्यों जा रहे होॽ देर से क्यों आएॽ इतने फोन क्यों करते होॽ दो-दो मोबाइल क्यों रखते हो.. बहुत लम्बी लिस्ट है ऐसे सवालों की, जो टोकाटाकी करने वाली महिलाएं पूछ-पूछ कर पति को परेशान कर देती हैं। ऐसे में पति का चिढ़ कर नाराज होना स्वाभाविक है। वहीं खासकर कामकाजी महिलाओं के मामले में कई पतियों की आदत बेवजह पूछताछ की रहती है। जो सुखी दाम्पत्य के नजरिये से उपयुक्त तो नहीं ही है।