पंजाब में सिंचाई सुधार के लिए उठाए अनेक कदम
मोहाली, 11 मार्च (निस)
राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने नई दिल्ली में संसद के बजट सत्र के दौरान देश में भूजल संरक्षण और सतही जल संसाधनों के पुनर्वास का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहरों की सतही जल आपूर्ति बढ़ाने और भूजल पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा मांगा।
इस पर केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने जवाब देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत देशभर में जल संरक्षण और सिंचाई आपूर्ति सुधारने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण के लिए 1.42 करोड़ संरचनाओं के निर्माण की योजना बना रही है, जिससे 185 बिलियन क्यूबिक मीटर मानसूनी जल का उपयोग किया जा सकेगा। पंजाब में सिंचाई सुधार के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने बताया कि कंडी नहर विस्तार परियोजना (चरण-II), पटियाला फीडर और कोटला शाखा परियोजना पूरी हो चुकी हैं, जिससे 1.15 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ी है। वहीं, शाहपुर कंडी बांध, राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर की रीलाइनिंग जैसी परियोजनाओं से 1.43 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बहाल की गई है।
सांसद सतनाम सिंह संधू ने सरकार की पहलों की सराहना करते हुए कहा कि “भूजल संरक्षण और जल प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इन्हें और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।” उन्होंने मिशन अमृत सरोवर जैसी योजनाओं को जल संकट से निपटने का कारगर उपाय बताया और जनता से जल संरक्षण में योगदान देने की अपील की।