बायोलॉजी में और भी कई संभावनाएं
बायोलॉजी के साथ बारहवीं करने वाले ज्यादातर विद्यार्थियों का सपना एम.बी.बी.एस. करके डॉक्टर बनना होता है। लेकिन देश में सीटों की सीमित संख्या और कड़ी स्पर्द्धा के चलते सभी के लिए यह संभव नहीं। ऐसे में दंत चिकित्सक, बीएएमएस/बीएचएमएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेज, क्लिनिकल रिसर्च और डाइटीशियन का पेशा अच्छे व सम्मानजनक कैरियर विकल्प हैं।
राजेंद्र कुमार शर्मा
बारहवीं यानी 10+2 में बायोलॉजी विषय चुनने वाले अधिकांश विद्यार्थियों का एक ही सपना होता है कि वे एक सफल डॉक्टर बनें। उनकी कैरियर प्राथमिकता सूची में एम.बी.बी.एस. सबसे ऊपर होता है, जो इस क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित डिग्री माना जाता है। परंतु भारत में मेडिकल सीटों की सीमित संख्या और नीट जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षा के कारण यह सपना सभी के लिए साकार नहीं हो पाता। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि एम.बी.बी.एस. ही बायोलॉजी छात्रों के लिए एकमात्र विकल्प नहीं है। कई अन्य कैरियर विकल्प भी उतने ही सम्मानजनक और लाभकारी हैं।
बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी
दंत चिकित्सा एक सम्मानजनक और तेजी से बढ़ता क्षेत्र है। बीडीएस डिग्री प्राप्त कर छात्र एक सफल डेंटिस्ट बन सकते हैं। इसमें निजी क्लिनिक से लेकर अस्पतालों तक रोजगार के अच्छे अवसर मिलते हैं। इस कोर्स की औसतन फीस, सरकारी कॉलेज में 50,000 रुपए से 1 लाख रुपए प्रति वर्ष, जबकि प्राइवेट कॉलेज में 2 लाख से 7 लाख प्रति वर्ष तक हो सकती है। कोर्स करने के पश्चात शुरुआती वेतन 25,000 से 40,000 रुपए प्रति माह तथा अनुभवी डेंटिस्ट की क्लिनिक आमदनी 50,000 से 1 लाख रुपए प्रति माह हो सकती है।
बीएएमएस/बीएचएमएस
यदि कोई आयुर्वेद, होम्योपैथी या यूनानी चिकित्सा में रुचि रखता है, तो ये डिग्रियां बेहतर विकल्प हैं। भारत में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की मांग बढ़ रही है। इन पाठ्यक्रमों की सरकारी कॉलेज में औसतन फीस 30,000 से 80,000 रुपए जबकि निजी संस्थानों में 1 लाख से 3 लाख रुपए प्रति वर्ष तक हो सकती है। इन पाठ्यक्रमों को करने के बाद शुरुआती सैलरी 20,000 से 35,000 रुपए प्रति माह हो सकती है। निजी प्रैक्टिस में 50,000 से 80,000 रुपए प्रति माह आय रह सकती है।
फार्मेसी (बीफार्मा / एमफार्मा)
फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में कैरियर बनाने के लिए बीफार्मा एक मजबूत आधार प्रदान करता है। छात्र मेडिकल कंपनियों में रिसर्च, मार्केटिंग या फार्मासिस्ट के रूप में कार्य कर सकते हैं। औसतन फीस 50,000 से 2 लाख रुपए प्रति वर्ष आती है जबकि एमफार्मा के लिए 1.5 लाख से 3 लाख कोर्स फीस रहती है। सैलरी/आमदनी औसतन 20,000-40,000 रुपए प्रति माह, पर मल्टीनेशनल कंपनियों में 60,000 रुपए से भी अधिक मिल सकती है।
नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेज
बीएससी नर्सिंग, लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी, फिजियोथेरेपी, ऑपरेशन थिएटर टेक्नीशियन जैसे कोर्स भी मेडिकल क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा हैं। इनमें नौकरी के अच्छे अवसर देश-विदेश में मिलते हैं। फिजियोथेरेपी में बैचलर डिग्री को चिकित्सक का दर्जा दिया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम की औसतन फीस 30,000 से 1.5 रुपए लाख प्रति वर्ष जबकि शुरुआती आमदनी या सैलरी 15,000 से 30,000 रुपए प्रति माह हो सकती है और अनुभव के साथ बढ़ जाती है।
बायोटेक्नोलॉजी / बायोकैमिस्ट्री
जो छात्र रिसर्च या इंडस्ट्रियल बायोलॉजी में रुचि रखते हैं, उनके लिए ये विषय बेहतरीन विकल्प हैं। जैव प्रौद्योगिकी और माइक्रोबायोलॉजी का इस्तेमाल कृषि, दवा और पर्यावरणीय क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। इन पाठ्यक्रमों की औसत फीस 40,000 से 1.5 लाख प्रति वर्ष तक होती है। औसतन सैलरी/आमदनी 20,000 से शुरू होकर 35,000 रुपए प्रति माह तक हो सकती है। रिसर्च या विदेश में हायर पैकेज मिल सकता है।
क्लिनिकल रिसर्च और पब्लिक हेल्थ
एमपीएच (मास्टर इन पब्लिक हेल्थ) या क्लिनिकल रिसर्च कोर्स करके छात्र स्वास्थ्य नीतियों, अनुसंधान और डेटा विश्लेषण में योगदान दे सकते हैं। पूरे कोर्स की औसतन फीस 1.5 लाख से 4 लाख तक रहती है। औसत आमदनी 30,000 से 50,000 रुपए प्रति माह तक हो सकती है।
फूड एंड न्यूट्रिशन / डाइटीशियन
स्वास्थ्य और पोषण के प्रति बढ़ती जागरूकता ने डाइटीशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स की मांग बढ़ा दी है। कॉरपोरेट हॉस्पिटल्स में डाइटीशियन की मांग हमेशा बनी रहती है। यह क्षेत्र महिलाओं के लिए लोकप्रिय है। इस पाठ्यक्रम की औसतन फीस 30,000 से 1 लाख रुपए प्रति वर्ष तक हो सकती है। जबकि औसतन सैलरी/आमदनी 20,000 से 35,000 रुपए प्रति माह तक हो सकती है। निजी कंसल्टेंट के रूप में औसतन 50,000 प्रति माह है।
उपरोक्त सभी पाठ्यक्रमों में फीस और सैलरी कॉलेज की प्रतिष्ठा, स्थान, छात्र की योग्यता और अनुभव पर भी निर्भर करती है।
एम.बी.बी.एस. का विकल्प न मिलना कैरियर का अंत नहीं है बल्कि नई शुरुआत हो सकती है। बायोलॉजी विद्यार्थियों के लिए एग्रीकल्चर, वेटरिनरी, शिक्षण(इंटीग्रेटेड), लॉ (इंटीग्रेटेड), फॉरेंसिक आदि क्षेत्रों में भी अच्छे स्कोप देखे जा सकते हैं। बायोलॉजी कई बेहतरीन क्षेत्रों के द्वार खोलती है।