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विचारधारा अनेक, स्वास्थ्य जागरूकता में सब एक

07:01 AM May 03, 2024 IST

हरेंद्र रापड़िया/हप्र
सोनीपत, 2 मई
लोकसभा चुनाव प्रचार का अति व्यस्त शेड्यूल। खानपान में अनियमितताएं। प्रत्याशी और उनके करीबी बेहद चिंतित हैं। प्रत्याशियों के सामने विरोधियों से निपटने के साथ-साथ मतदान तक स्वस्थ रहने की चुनौती है। चुनौती से निपटने के तमाम उपायों में योग व पूजा-पाठ शामिल हैं। टाइट शेड्यूल के बीच इसके लिए समय निकालना नहीं भूलते।
चुनाव प्रचार में जुटे विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ताओं के अनुसार ज्यादातर प्रत्याशी सुबह करीब 5 बजे उठ जाते हैं। फिर योग और हल्का व्यायाम। स्नान व पूजा-पाठ के बाद कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से दिनभर के कार्यक्रमों पर चर्चा। वर्करों को जरूरी निर्देश के बाद 7-8 बजे तक लोकसभा क्षेत्र के लिए निकल जाते हैं।
चुनाव प्रचार का यह सिलसिला रात कब खत्म होगा, कुछ भी तय नहीं होता। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यह सिलसिला रात एक से दो बजे तक चलता ही है। प्रत्याशी की दिनचर्या में दिनभर दर्जनों नुक्कड़ सभाओं का संबोधन, लोगों से सीधा संवाद शामिल है। इस दौरान अनेक स्थानों पर जलपान के तौर पर कभी गरम तो कभी ठंडे पदार्थों का सेवन तथा मतदाताओं के साथ पुराने गिले-शिकवे दूर करने के लिए घंटों की माथापच्ची, गाड़ियों में 200-300 किलोमीटर तक का सफर तथा दिन में कई-कई किलोमीटर लगभग दौड़ने की मुद्रा में पैदल चलना शामिल है। इतना अति-व्यस्त शेड्यूल किसी भी नौजवान तक के हौसले पस्त कर सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सजगता है, मगर कार्यकर्ता या मतदाता के यहां पर चाय-शीतल पेय या स्नैक्स को लेकर किए गए आग्रह को ठुकरा भी नहीं सकते। इसके चलते ओवर ईटिंग भी हो जाती है।
4-5 घंटे की नींद ही ले पाते हैं मोहन लाल
भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली सुबह 5 बजे उठते हैं। साथियों के साथ पार्क जाते हैं। वहां योगा व हल्का व्यायाम करते हैं। साढ़े 6 बजे तक घर पहुंच जाते हैं। फिर नहा धोकर घर में बने मंदिर में पूजा करते हैं। चाय आदि लेकर 7 बजे घर पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हैं। घर के बने खाने का टिफिन गाड़ी में रखकर साढ़े 7 बजे घर से निकल पड़ते हैं। दिन में गाड़ी में ही खाना खाते हैं। दिनभर कई समर्थकों के घर पर हल्का जलपान आदि लेते हैं। रात का खाना किसी कार्यकर्ता के घर पर ही होता है। रात 10 बजे चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय में बैठक कर अगले दिन की रणनीति पर चर्चा करते हैं। यह सिलसिला अकसर रात 12 से 1 बजे तक चलता रहता है।
खुद को फ्रेश महसूस करते हैं ब्रह्मचारी
कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी सुबह 5 बजे सोकर उठते हैं। फ्रेश होने के बाद योग व मेडिटेशन करते हैं। स्नान करके गुरु का पाठ कर घर पर आए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हैं। साढ़े 7 बजे फील्ड में निकल जाते हैं। दोपहर को प्रचार के बीच समय निकालकर गाड़ी में ही खाना खा लेते हैं। रात 10 बजे चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करते हैं। उनका कहना है कि ईश्वरीय अनुभूति उन्हें नयी ताकत देती है। गुरु की कृपा से दिनभर की दौड़धूप व कड़ी मेहनत के बावजूद अपने को फ्रेश महसूस करते हैं। रात 12 से 1 बजे के बीच सोते हैं।
वर्करों का सहयोग बढ़ा रहा मलिक का हौसला
जननायक जनता पार्टी (जजपा) के प्रत्याशी भूपेंद्र मलिक बताते हैं कि सुबह 5 बजे सोकर उठते हैं। उसके बाद घंटा भर योग व सैर करते हैं। नहा-धोकर व नाश्ता कर लोकसभा क्षेत्र के लिए निकल जाते हैं। इस बीच, कार्यकर्ताओं से बातचीत होती रहती है। जिस भी गांव या मोहल्ले में जाते हैं तो कार्यकर्ता अपने यहां जलपान करने की जिद कर जाते हैं। उनके प्रेमभाव को देखते हुए वे किसी को इनकार नहीं करते। जलपान का दौर दिनभर चलता रहता है। कार्यकर्ताओं का हौसला उन्हें नयी उर्जा देता है और यही उन्हें थकने नहीं देता। ईश्वरीय अनुभूति उन्हें नयी ताकत देती है। यह सिलसिला प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रात 12 बजे तक चलता रहता है।

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