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मान बोले- पीयू हमारी

12:36 PM Jun 06, 2023 IST
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मोहाली (चंडीगढ़), 5 जून (निस/एजेंसी)

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को हरियाणा के महाविद्यालयों को पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) से संबद्ध करने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि चंडीगढ़ स्थित यह विश्वविद्यालय पंजाब का है और उसी का रहेगा।

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मान ने हरियाणा द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी में उसकी हिस्सेदारी बहाल करने के एवज में कोष मुहैया कराने के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताते हुए हरियाणा के अपने समकक्ष मनोहर लाल खट्टर से कहा कि वह उनके राज्य में कहीं भी विश्वविद्यालय स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने खट्टर के साथ बैठक के बाद यह बात कही। मान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी हमेशा से पंजाब की विरासत, धरोहर, भावना, संस्कृति और साहित्य से जुड़ी रही है।’ उन्होंने पड़ोसी राज्य पर ‘अप्रत्यक्ष’ रूप से विश्वविद्यालय पर नियंत्रण हासिल करने के प्रयास करने का आरोप लगाया। मान ने कहा, ‘वे अप्रत्यक्ष रूप से विश्वविद्यालय पर नियंत्रण प्राप्त करना चाहते हैं जो पंजाब की भावना, साहित्य और संस्कृति से जुड़ा है। हमने आज स्पष्ट रूप से कह दिया कि हमारी ओर से ना है। हम हरियाणा के महाविद्यालयों को सबद्धता नहीं देंगे।’

मान ने 28 मई को हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कथित तौर पर लिखा पत्र दिखाया जिसमें उनसे अपने लिए धन की व्यवस्था खुद करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर उनके पास अपने विश्वविद्यालयों के लिए कोष नहीं है और दूसरी ओर वे पीयू में हिस्सेदारी बहाल करने के लिए पैसों की पेशकश कर रहे हैं।

मान ने इस मुद्दे पर पंजाब के राज्यपाल द्वारा ‘बहुत रुचि’ दिखाने पर भी आपत्ति जतायी। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभवन के बाहर केवल ‘मुख्य कार्यालय, भाजपा’ नहीं लिखा है।

मनोहर ने मांगी हिस्सेदारी

चंडीगढ़, 5 जून (ट्रिन्यू/एजेंसी)

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मान को इस मुद्दे पर ‘अड़ियल’ रुख अपनाने को लेकर आड़े हाथ लिया और कहा कि यह कदम (हरियाणा के महाविद्यालयों की संबद्धता) विद्यार्थियों के हित में है। वहीं, हरियाणा सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक खट्टर ने बैठक में कहा कि यह कदम विद्यार्थियों के हित में है और उनके राज्य के महाविद्यालयों को भी पीयू से संबद्ध होने का विकल्प दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य इस पर मित्र की तरह आगे बढ़ सकते हैं। खट्टर ने कहा कि हरियाणा के 3 जिलों पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के साथ ही पंजाब के मोहाली और रूपनगर जिलों के महाविद्यालयों को भी पीयू से संबद्धता दी जानी चाहिए। हरियाणा सरकार ने एक बयान में कहा कि बैठक में उसे बताया गया कि विश्वविद्यालय गत कई सालों से वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। हरियाणा सरकार ने कहा कि विश्वविद्यालय में चंडीगढ़ की 60 प्रतिशत और पंजाब की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है और गत 10 साल में विश्वविद्यालय को केंद्र से हर साल औसतन 200 से 300 करोड़ रुपये का अनुदान मिला। बयान में कहा गया, ‘वहीं गत 10 साल में पंजाब सरकार से हर साल औसतन 20-21 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। वर्ष 2020-21 में पंजाब द्वारा 39 करोड़ रुपये जारी किए गए। कुल मिलाकर विश्वविद्यालय को पंजाब के 40 प्रतिशत हिस्से में से केवल सात से 14 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है।

मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी अपना कैंपस हरियाणा में बना रही है। इसके अलावा, आईआईटी, दिल्ली का कैंपस भी हरियाणा में बन रहा है। शिक्षा का विस्तार करने से बच्चों को कई अवसर मिलेंगे। कॉलेज के एफिलिएशन से विश्वविद्यालय में हरियाणा के छात्र भी शिक्षा ले पाएंगे।

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