Manmohan Singh Memorial Row : नवजोत सिद्धू ने राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र, कहा- भारत को ओछी राजनीति से ऊपर उठना चाहिए
चंडीगढ़, 29 दिसंबर (भाषा)
कांग्रेस की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि राजघाट परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने के संबंध में वह केंद्र सरकार को निर्देश दें।
सिद्धू का यह पत्र कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर देश के पहले सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपमान करने का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद सामने आया है। कांग्रेस ने कहा था कि सिंह के अंतिम संस्कार के लिए कोई यथोचित स्थान नहीं दिया गया जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सके। मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हो गया और उनका अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को निगमबोध घाट पर किया गया। सिद्धू ने पत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर साझा करते हुए एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह केवल एक स्मारक के संबंध में नहीं है; यह ऐतिहासिक मानदंडों और हमारे लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के बारे में है।
भारत को ओछी राजनीति से ऊपर उठना चाहिए।'' राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके कार्यालय से हस्तक्षेप करने और सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह करता हूं कि इस परंपरा की गरिमा को बनाए रखते हुए राजघाट परिसर में डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाया जाए।'' मैं आपको यह पत्र राजघाट परिसर में भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की आवश्यकता के संबंध में गंभीर चिंता और बेहद विश्वास के साथ लिख रहा हूं।
राजघाट एक ऐसा स्थल है जो हमारे देश के नेताओं की विरासत को याद करने की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। जैसा कि आप अवगत हैं, गुलजारीलाल नंदा जैसे (कार्यवाहक) प्रधानमंत्री सहित सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारक बनाए गए हैं। इनमें पंडित जवाहर लाल नेहरू के लिए शांति वन, लाल बहादुर शास्त्री के लिए विजय घाट, इंदिरा गांधी के लिए शक्ति स्थल, राजीव गांधी के लिए वीर भूमि और अटल बिहारी वाजपेयी के लिए सदैव अटल शामिल हैं। यह परंपरा ‘‘टूट गई'' जब मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया जो एक ऐसा स्थल जहां किसी अन्य प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार नहीं किया गया।
My letter to the Hon’ble President of India: A call to protect India’s glorious democratic tradition and honor the towering legacy of Dr. Manmohan Singh. Our former PMs have been memorialized—why should he be denied his rightful place?
This is not just about a memorial; it’s… pic.twitter.com/yuEs9GMFlc
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 29, 2024
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की उल्लेखनीय विरासत को याद करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। स्मारक बनाना कोई पक्षपातपूर्ण मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भारत के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने और उन लोगों को सम्मानित करना है जिन्होंने देश के भविष्य को आकार दिया। एक अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और नेता के रूप में डॉ. सिंह के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जिन्होंने एक दशक के परिवर्तनकारी विकास और वैश्विक एकीकरण के माध्यम से भारत का मार्गदर्शन किया।