भाजपा का दामन थामने से भी बनती नजर नहीं आ रही मनीषा रंधावा की बात
जींद, 11 दिसंबर (हप्र)
जींद जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा द्वारा भाजपा का दामन थाम अपनी कुर्सी बचाने का अंतिम प्रयास भी रंग लाता नजर नहीं आ रहा।
13 दिसंबर को मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जिला परिषद की विशेष बैठक पर सभी की नजरें लगी हैं। जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने अपने खिलाफ विरोधी गुट की बगावत और इसके तहत लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को नाकाम करने के लिए अंतिम प्रयास के रूप में 7 दिसंबर को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा और कॉन्फेड चेयरमैन कर्मवीर सैनी की मौजूदगी में सीएम नायब सैनी से मुलाकात कर भाजपा का दामन थामा था।
बैठक से ठीक पहले मनीषा के लिए हालात मुश्किल
चेयरपर्सन के खिलाफ विरोधी गुट के अविश्वास प्रस्ताव पर विचार के लिए जिला परिषद की विशेष बैठक से ठीक पहले जिस तरह के हालात बने हैं, उनमें मनीषा रंधावा की कुर्सी बचने के आसार काफी कम नजर आ रहे हैं। बुधवार को भाजपा के जिला प्रधान तिजेंद्र ढुल ने साफ कर दिया कि अभी तक उनके पास मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा के भाजपा में शामिल होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। तिजेंद्र ढुल यहीं नहीं रुके। उन्होंने यहां तक कहा कि जिला पार्षदों ने जो कदम उठाया है, वह अलग व्यवस्था है। यह सब कहकर तिजेंद्र ढुल ने परोक्ष रूप से यह साफ कर दिया कि मनीषा रंधावा की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा कम नहीं हुआ है।
बागी 19 पार्षद अभी भी जींद से बाहर
मनीषा रंधावा के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने वाले जिला परिषद के 25 में से 19 पार्षद अभी जींद से बाहर हैं। ये पार्षद जींद जिले की सीमा से लगते एक जिले में हैं और इनके 13 दिसंबर को जिला परिषद की विशेष बैठक में ही सीधे पहुंचने की संभावना है। विरोधी गुट अविश्वास प्रस्ताव पारित करवा देता है, तो फिर मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा राजनीतिक रूप से मुश्किल में पड़ जायेंगे। भाजपा का दामन थाम कांग्रेस को वे पहले ही नाराज कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने उस जजपा से दूरी बना ली थी, जिस जजपा ने उन्हें जिला परिषद चेयरपर्सन की कुर्सी पर बैठाने में मदद की थी।