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मनीष और सिंहराज का टोक्यो में कमाल, फरीदाबाद में जश्न, माता-पिता भी झूमे

07:11 AM Sep 05, 2021 IST
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राजेश शर्मा/राजेश नागर

फरीदाबाद/बल्लभगढ़, 4 सितंबर

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हरियाणा के लिए शनिवार का दिन खास रहा। फरीदाबाद के निशानेबाज मनीष नरवाल और सिंहराज अधाना ने टोक्यो पैरा ओलंपिक में देश के लिए पदक जीते। मनीष ने 50 मीटर मिक्सड शूटिंग एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा तो सिंहराज ने इसी इवेंट में रजत पदक पर निशाना लगाया। दोनों के घरों में आज खुशी का माहौल है। बल्लभगढ़ में भी लोगों ने जमकर खुशियां मनाई।

पैरालंपिक में फरीदाबाद जिले के सिंहराज और मनीष नरवाल शूटिंग स्पर्धा में हिस्सा ले रहे हैं। 31 अगस्त को दोनों के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट था, जिसमें मनीष ने टॉप-8 में जगह बनाई थी, लेकिन बाद में वह हार गए थे। मनीष से 50 मीटर एयर पिस्टल में उम्मीदें थीं, जो उन्होंने पूरी कीं। शनिवार सुबह हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंने स्वर्ण पदक पर निशाना साधा। जीत के बाद लोग मनीष के गांव साहुपुरा औद्योगिक क्षेत्र में बने उनके निवास पर जुटना शुरू हो गए। 50 मीटर इवेंट में ही सिंहराज अधाना ने रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। दोनों की जीत सुनिश्चित होने के बाद रिश्तेदार, परिचित व नेताओं ने उनके घर पहुंचना शुरू कर दिया।

मनीष व सिंहराज की जीत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, सीएम मनोहर लाल खट्टर, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर बधाई दी है। हरियाणा के परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने मनीष नरवाल के घर जाकर उनके माता-पिता को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर सिंहराज अधाना को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बल्लभगढ़ के लिए गर्व की बात है कि एक ही स्पर्धा में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने वाले दोनों खिलाड़ी उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र से हैं। तिगांव क्षेत्र के विधायक राजेश नागर ने दोनों खिलाड़ियों के परिजनों से मिलकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में शहर के युवाओं ने मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।

मनीष को लेकर पिता रहते थे चिंतित

मनीष नरवाल जन्म से ही दाएं हाथ से दिव्यांग हैं और उनके पिता दिलबाग सिंह मनीष के भविष्य को लेकर चिंतित रहते थे। दिलबाग सिंह के पारिवारिक मित्र ने मनीष को शूटिंग प्रशिक्षण दिलाने की सलाह दी। मित्र सलाह मानकर उन्होंने मनीष को शूटिंग में डाल दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

पिता को जीत का था पूरा भरोसा

मनीष के 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 7वें स्थान पर आने से परिवार में निराशा थी। मनीष भी निराश था, तब पिता ने फोन कर उन्हें तसल्ली दी। मनीष के पिता दिलबाग सिंह ने इन 4 दिनों में किसी से बात नहीं की। उन्हें भरोसा था कि मनीष पदक लेकर लौटेगा।

मां से फोन कर कहा, मेरा दिन होगा

मनीष की माता संतोष ने बताया कि शुक्रवार रात मनीष का फोन आया था और कहा था कि चिंता मत कर मां, शनिवार का दिन उसका होगा।

उम्र से दोगुने मेडल

मनीष ने मात्र 20 वर्ष की आयु में अपनी उम्र से ज्यादा पदक जीते हैं। मनीष को पिछले साल अर्जुन अवार्ड मिला था। एशियन गेम्स में पदक जीतने के बाद जब वे पीएम मोदी से मिले तो उन्होंने वादा किया था कि वे टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीतेंगे और उन्होंने वादा पूरा किया।

एक निशाने ने बदल दी दुनिया

बल्लभगढ़ में रह रहे सिंहराज अधाना दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। एक समय ऐसा था सिंहराज घुटनों पर चलते थे। 5 वर्ष पूर्व हुए ऑपरेशन के बाद अपने पैरों पर खड़े हो पाए, लेकिन पैरों में वह ताकत नहीं है, जो एक सामान्य व्यक्ति के पैरों में होती है। शूटिंग के से पहले सिंहराज शिक्षण कार्य करके अपनी आजीविका चलाते थे। एक दिन सिंहराज का भतीजा उन्हें अपने साथ अभ्यास के लिए सेक्टर-12 स्थित शूटिंग रेंज ले गया। उस समय सिंहराज ने निशानेबाजी में हाथ अजमाए। सभी निशाने सटीक जगह लगे। यहां से सिंहराज के जीवन में परिवर्तन आया। उन्होंने शूटिंग को ही जीवन समर्पित कर दिया। शुरुआत में काफी परेशानियां भी आईं। शूटिंग के अभ्यास के लिए सिंहराज ने अपनी पत्नी के आभूषण तक गिरवी रख दिए थे। सिंहराज की मेहनत और पत्नी का त्याग काम आया और उन्होंने ने एशियाड खेलों में स्वर्ण और विश्वकप में कांस्य पदक जीतकर प्रतिभा का लोहा मनवाया। लाकडाउन के दौरान सिंहराज पैरालंपिक की तैयारी नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से मिली प्रोत्साहन राशि को खर्च करके 10 व 50 मीटर की शूटिंग रेंज तैयार कराई और जमकर अभ्यास किया।

सीएम का ऐलान : स्वर्ण विजेता को 6 और रजत वाले को मिलेंगे 4 करोड़

चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : टोक्यो पैरालंपिक में मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल में हरियाणा के मनीष नरवाल ने गोल्ड मेडल और सिंहराज ने सिल्वर मेडल जीतकर हरियाणा के साथ-साथ देश का नाम भी विश्व में रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर बधाई व शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्वर्ण पदक विजेताओं को 6 करोड़ रुपये और सिल्वर मेडल विजेताओं को 4 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि व सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि पदक जीतने वाले दोनों खिलाड़ी फरीदाबाद जिले के हैं और उनकी इस उपलब्धि से न केवल जिलावासी बल्कि समस्त देशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी खेल नीति के अनुसार पैरालंपिक खिलाड़ियों को भी सामान्य खिलाड़ियों की तरह समान पुरस्कार, सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाएं दे रही है। राज्य सरकार की खेल नीति की विश्व में सराहना हो रही है और हरियाणा के खिलाड़ी विश्व मानचित्र पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं यह गर्व की बात है।

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टोक्योफरीदाबादमाता-पितासिंहराज
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