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सरसों से मंडियां लबालब, धीमा उठान होने से भुगतान में भी देरी

10:02 AM Apr 10, 2024 IST
सरसों से मंडियां लबालब  धीमा उठान होने से भुगतान में भी देरी
भिवानी में सरसों से अटी पड़ी मंडी। -हप्र
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अजय मल्होत्रा/ हप्र
भिवानी, 9 अप्रैल
जिले की नौ मंडियों में लगभग दस लाख क्विंटल सरसों पहुंचने और धीमा उठान होने से किसानों कि समस्याएं बढ़ने लगी हैं। किसानों को न तो समय पर भुगतान हो रहा है और न ही मंडियों में और सरसों लाने की जगह मिल पा रही है। पिछले दो दिन भिवानी मंडी में किसान लगभग 35 हजार क्विंटल सरसों लेकर पहुंचे हैं, लेकिन उसमें से केवल नौ हजार की ही खरीद हो पाई है।
भिवानी की चारा मंडी सरसों से लबालब भरी है और उस पर किसी वक्त भी गेहूं की आवक तेज हो सकती है। मौसम विभाग ने भी आने वाले दो दिन बाद बरसात की संभावना व्यक्त कर रखी है जिससे किसानों की सांसें भी तेज हो गई हैं। मंडियों में सरसों का उठान धीमा होने और आढ़तियों की सरसों खरीद पर जीएसटी की आशंकाओं ने तीन दिन तो सरसों की खरीद ठप कर दी। दो दिन तो प्रशासन ने ही उठान न होने के खरीद रोकने के आदेश दिए थे।
सरसों का उठान धीमा होने के कारण किसानों को भुगतान भी देरी से मिल रहा है। सरकार द्वारा 72 घंटे में भुगतान के आश्वासन की बजाय सात से दस तक भी भुगतान में लग रहें हैं। चारा मंडी में चारों ओर सरसों की बोरियां या खुले में सरसों नजर आ रही है। जिले में अभी तक लगभग दस लाख क्विंटल सरसों की खरीद हो चुकी है। धीमे उठान का कारण सरसों भिवानी से रोहतक, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी के गोदामों में सरसों भेजना भी है। गंतव्य दूर होने के कारण ट्रांसपोर्ट के साधनों की कमी बनी हुई है। उस पर बारदाना व ढुलाई मजदूरों की कमी ने भी दिक्ततें बढ़ा दी है। अधिकारियों के अनुसार नैफेड का खरीद टारगेट तो पूरा हो चुका है लेकिन आज से कमर्शियल खरीद शुरू हुई है। चार मुख्य मंडियां भिवानी, सिवानी, बहल और तोशाम मंडियों में हरियाणा वेयर हाउस द्वारा खरीद हो रही है जबकी लोहारू, ढ़िगावा, बवानीखेड़ा, जूई आदि मंडियों में हैफेड़ सरसों खरीद रही है। सरसों आवक का यह आलम है कि मंडियों के बाहर टैक्टरों की लंबी कतारें लगी हैं। अकेले भिवानी मंडी में नब्बे हजार क्विंटल से ज्यादा सरसों खरीदी जा चुकी है। अभी भिवानी सहित अन्य मंडियों से 60 प्रतिशत सरसों का उठान नहीं हो पाया है। बंपर आवक होने से खरीद एजेंसियों की सांसे भी फूल गई हैं और किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मजबूरी में किसान कच्ची जगह या मंडी की सड़कों पर सरसों उतारने को मजबूर हैं। गांव उमरावत के किसान संदीप ने बताया कि खरीद पर प्रक्रिया अत्याधिक धीमी है जिस कारण दो- दो दिन तक कई किसानों की बिक्री का नंबर नहीं आ रहा। कई किसानों को नमी का बहाना बनाकर लौटाया जा रहा है।

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आठ हजार किसानों को कर चुके भुगतान

हैफेड के जिला प्रबंधक संदीप पूनिया का कहना है कि हैफेड की खरीद अब पूरी हो चुकी है। भिवानी, सिवानी , तोशाम और बहल मंडी एचडब्ल्यूसी की खरीद होगी जबकि जूई ढ़िगावा, लोहारू व बवानीखेड़ा मंडी में सरसों की खरीद करेगा। अभी तक लगभग आठ हजार किसानों की फसल खरीद का भुगतान हो चुका है। ढुलाई को लेकर जो व्यवस्था बनाई गई है उसी के हिसाब से उठान करवाया जा रहा है।

उठान तेज करने की मांग

अखिल भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने मंडियों का दौरान किया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल रामफल देशवाल, कामरेड ओमप्रकाश, नरेंद्र धनाना व प्रताप सिंहमार ने सरकार से सरसों का उठान तेज करने, बारदाने की कमी दूर करने तथा बेमौसमी बारिश से बचाव की मांग की।

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