अपनी आवाज़ के जरिए कीजिए सुनहरे सपने साकार
कोई डिग्री हो या न हो, आप अपनी आवाज के सहारे वाइस ओवर आर्टिस्ट या डबिंग आर्टिस्ट के रूप में शानदार कैरियर बना सकते हैं। कॉर्टून प्रोग्राम और फिल्मों की संख्या तेजी से बढ़ी है, वाइस ओवर आर्टिस्ट की डिमांड बढ़ गई है। एनीमेशन, ट्रेनिंग, विपणन, एजुकेशन, विज्ञापन, कॉर्पोरेट, ई-लर्निंग आदि क्षेत्रों में स्कोप बढ़ते जा रहे हैं। भारत में इस फील्ड में अवसर और भी ज्यादा हैं।
अशोक जोशी
कैरियर निर्माण में पुरानी अवधारणाएं लगातार खंडित होती जा रही हैं। अब वह जमाना नहीं रहा कि कैरियर बनाने के लिए पढ़ाई और अनुभव अनिवार्य ही हों, यदि आपके पास कोई अतिरिक्त प्रतिभा या योग्यता है तो भी आप बेहतर और कमाऊ कैरियर बना सकते हैं। यहां तक कि आप अपनी आवाज के सहारे वाइस ओवर आर्टिस्ट या डबिंग आर्टिस्ट के रूप में शानदार कैरियर बना सकते हैं। जिस तरह आजकल इंटरनेट, फिल्मों तथा ओटीटी प्लेटफार्म का दायरा दुनियाभर में फैला है, वाइस ओवर आर्टिस्ट की डिमांड बढ़ गई है। भारत में इसके अवसर और भी ज्यादा हैं क्योंकि यहां दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या है व दर्जनों भाषाएं व बोलियां बोली जाती हैं। तो अपनी आवाज को तराशें और आकर्षक कैरियर के क्षेत्र में कदम रखने के लिए तैयार हो जाएं।
डबिंग आर्टिस्ट बनने के लिए एक महत्वपूर्ण योग्यता आकर्षक आवाज़ है। आवाज और शब्दों पर पकड़ रखने वाला कोई भी युवा डबिंग आर्टिस्ट या वॉइस ओवर आर्टिस्ट बनने की पहल कर सकता है। डबिंग आर्टिस्टों की बढ़ती मांग को देखते हुए कई संस्थान हैं जो इससे संबंधित शॉर्ट टर्म और सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करते हैं। इन कोर्स के माध्यम से छात्रों को वॉयस ओवर का तकनीकी ज्ञान दिया जाता है। आवाज को बेहतर बनाने के लिए आप इस कोर्स की मदद ले सकते हैं। आज अच्छी और सुरीली आवाज वाले युवा फिल्मों से लेकर नाटक, रेडियो, टेलीविजन, विज्ञापन, डॉक्यूमेंट्री, एनिमेशन फिल्मों आदि में बतौर डबिंग कलाकार काम कर रहे हैं।
क्या होता है डबिंग में?
वर्तमान समय में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल न होता हो। डबिंग में भी भरपूर उपयोग है। मनोरंजन जगत में रिकॉर्डिंग के दो तरीके अपनाए जाते हैं। पहले पैरा डबिंग और फिर लिप सिंकिंग। पैरा डबिंग में कलाकार को ऑडियो या वीडियो पर ध्यान दिए बिना वहां रिकॉर्डिंग करनी होती है। लिप-सिंकिंग में, आवाज अभिनेता को पात्र के होंठों को पढ़ना होता है और उच्चारण का मिलान करते हुए रिकॉर्डिंग करनी होती है। इसके लिए युवाओं को इन तरीकों को विस्तार से समझना होता है।
कैरियर स्कोप
डबिंग आर्टिस्ट के तौर पर युवाओं को आकाशवाणी, दूरदर्शन, विभिन्न टीवी चैनलों, नाटकों, रेडियो, विज्ञापनों, वृत्तचित्रों, एनीमेशन फिल्मों आदि में काम करने का अवसर मिल सकता है। शुरुआती दौर में अवसर ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन एक बार जब आप अपनी आवाज लोगों तक पहुंचा देंगे तो आपके लिए रोजगार के अवसर खुल जाएंगे। तब काम की कोई कमी नहीं होगी। वॉइस ओवर आर्टिस्ट पॉडकास्ट प्रोग्राम, टीवी और बड़े पर्दे पर डबिंग करने के अलावा कार्टून कैरेक्टर्स को अपनी आवाज देते हैं। आजकल भाषाई खाई को पाटने के लिए पैन इंडिया फिल्मों का निर्माण हो रहा है, जिसमें कलाकारों के लिए वॉइस ओवर होता है, जिसके लिए अच्छा पैसा भी मिलता है। वहीं, अगर आपकी आवाज दमदार है तो रेडियो प्रोग्राम के लिए भी सिलेक्ट हो सकते हैं।
ये काफी डिमांडिंग प्रोफेशन है, क्योंकि भारत में फिल्म एवं टेलीविजन उद्योग बहुत बड़ा है। इन दिनों बच्चों के लिए बनाए जाने वाले कॉर्टून प्रोग्राम और फिल्मों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके लिए वीओ आर्टिस्ट की जरूरत होती है। वहीं, वॉइस ओवर आर्टिस्ट के लिए एनीमेशन, ट्रेनिंग, विपणन, एजुकेशन, विज्ञापन, कॉर्पोरेट, ई-लर्निंग आदि क्षेत्रों में स्कोप बढ़ते जा रहे हैं। इस फील्ड में शुरुआती दौर में आप प्रोजेक्ट के आधार पर 5 से 10 हजार रुपये प्रति शिफ्ट कमा सकते हैं, लेकिन अनुभव बढ़ने के साथ मौके बढ़ेंगे और कमाई दोगुनी-चौगुनी कर सकते हैं।
योग्यता करें विकसित
किसी प्रोफेशनल डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती, इस क्षेत्र में आप केवल अपनी प्रभावशाली आवाज के दम कर ही सफलता हासिल कर सकते हैं। डबिंग आर्टिस्ट या वाइस ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए इस क्षेत्र की एकमात्र योग्यता आपकी आवाज और उस पर आपका नियंत्रण होना ही पर्याप्त है। इसके लिए आपको बस अपने कौशल को निखारना है। विशेष सुविधाएं रास्ता आसान बनाती हैं। डबिंग कलात्मकता के लिए आवाज की गुणवत्ता, स्पष्ट उच्चारण और भाषा पर मजबूत पकड़ की आवश्यकता होती है। इसके अलावा डबिंग आर्टिस्ट किरदार या परिस्थिति के अनुसार अपनी आवाज बदल सकता है इसे लाना ही होगा, जैसे इमोशन या कॉमेडी की जगह अपनी आवाज को उसी के अनुरूप ढालना होता है। इसलिए आपको अपनी आवाज में आवश्यकतानुसार हाई-पिच और लो-पिच लाने की कला सीखनी होगी। इसके लिए वॉइस मॉड्यूलेशन के साथ साथ. स्क्रिप्ट पढ़ने की कला, आवाज के उतार-चढ़ाव का ज्ञान तथा नियंत्रण के अलावा अभिनय कौशल होना भी आवश्यक है।
ऐसे बनें वॉइस ओवर आर्टिस्ट
यदि आपकी आवाज प्रभावशाली है तो वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में अपने कैरियर को संवार सकते हैं। मौजूदा समय में मनोरंजन, खेल से लेकर पढ़ाई तक के क्षेत्र में वॉइस ओवर आर्टिस्ट की जरूरत पड़ती है। वॉइस ओवर आर्टिस्ट अपनी भाषा के पकड़ के अनुसार कहानियों को आवाज देते हैं। वाइस ओवर एक उत्पादन तकनीक है जिसमें आवाज के माध्यम से कुछ भी प्रजेंट किया जाताहै। वॉइस ओवर आर्टिस्ट लिखे शब्दों को आवाज में बदलते हैं ताकि ऑडियंस के साथ कनेक्शन बन सके। वॉइस ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए किसी खास शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, विभिन्न कोर्सेज मौजूद हैं जिनके बदौलत इस क्षेत्र में और ज्ञान ग्रहण कर सकते हैं। आप चाहे तो बैचलर ऑफ आर्ट्स इन म्यूजिक वोकल (बीए संगीत) के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इस कोर्स में कक्षा 12वीं के बाद दाखिला मिलता है।
प्रमुख संस्थान, पाठयक्रम तथा अवधि
डबिंग आर्टिस्ट या वाइस ओवर आर्टिस्ट बनने के लिए अपना हुनर निखारने को पढ़ाई करनी है तो जानिये प्रमुख संस्थानों व कोर्सेज के बारे में : *आरके फिल्म्स एंड मीडिया एकेडमी नई दिल्ली : कोर्स- वॉयस ओवर, वॉयस डबिंग, वॉयस मॉड्यूलेशन, (ऑनलाइन और ऑफलाइन), अवधि : 3-6 महीने *विजुअलाइट फिल्म इंस्टीट्यूट चेन्नई, कोर्स : डबिंग और वॉयस ओवर ट्रेनिंग, अवधि सर्टिफिकेट 3-6 महीने, डिप्लोमा- 1 वर्ष *रॉन्कल मीडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट मुंबई : कोर्स : डबिंग और वॉयस मॉड्यूलेशन, अवधि ः 6 महीने से 1 वर्ष तक, दीपक अग्निहोत्री स्कूल ऑफ वाइस ओवर एण्ड डबिंग, दिल्ली एनसीआर, आरके फिल्म्स एण्ड मिडिया अकादमी, मुंबई, मुंबई फिल्म अकेडमी, मुंबई के अलावा यूडेमी, गुड़गांव, चेन्नई, मुंबई भी संबंधित कोर्स करवाते हैं।