Majithia DA Case : करीब चार घंटे की बहस के बाद विजिलेंस को मजीठिया का मिला चार दिन का पुलिस रिमांड
मोहाली,2 जुलाई (राजीव तनेजा/हप्र)
Majithia DA Case : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को विजिलेंस की टीम बुधवार कड़े सुरक्षा प्रबंधों में जिला अदालत में लेकर पहुंची। सवा 10 बजे मजीठिया को अदालत परिसर में लाया गया और बाद दोपहर पौने 3 बजे अदालत ने दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाते हुए मजीठिया का चार दिन का पुलिस रिमांड बढ़ा दिया। मजीठिया को 26 जून को कोर्ट में पेश किया गया था। विजिलेंस को पूछताछ के लिए सात दिन का पुलिस रिमांड मिला था। रिमांड खत्म होने उपरांत उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया। रविवार को मजीठिया को दोबारा अदालत में ड्यूटी मैजिस्ट्रेट पेश किया जाएगा।
मंगलवार शाम मोहाली पुलिस द्वारा बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान सुरक्षा योजना को अंतिम रूप दिया गया था। जैसा कि मजीठिया की 26 जून की पेशी के दौरान देखा गया था, उसी तरह बुधवार भी तीन जिलों मोहाली, फतेहगढ़ साहिब और रोपड़ से पुलिसकर्मियों ने न्यायालय परिसर के चारों ओर कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। अदालत छावनी में तबदील थी। रोपड़ रेंज के डीआईजी एचएस भुल्लर व्यवस्थाओं की निगरानी करने आए थे।
तैनाती में चार एसपी, छह डीएसपी, रेंज के सभी एसएचओ और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी शामिल थे। इस बीच मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर और एचएस धनोआ ने कहा कि शिअद नेता के निर्देश पर उनके पुलिस रिमांड को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है, जहां याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी। मोहाली अदालत में एक अलग आवेदन भी दायर किया गया, जिसमें हिरासत के दौरान मजीठिया से दो घंटे की मुलाकात की अनुमति मांगी गई है।
कोर्ट से बाहर आए मजीठिया के वकील अर्शदीप कलेर ने कहा कि आप सरकार ने सभी कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ा कर रख दी हैं। अकाली दल की लीडरशिप से लेकर शिरोमणि अकाली दल के समर्थकों को घरों-दफ्तरों में नजरबंद रखा गया। एडवोकेट कलेर ने कहा कि इस केस में सरकार को कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि आज भी सुनवाई दौरान सरकारी वकील ने पिछली रटी रटाई कहानी दोहराई। इससे आगे वह बढ़ नहीं सकी। अदालत को दोबारा बताया गया कि जिन दलीलों को आज पेश किया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट में एवीडेंस पर रखी गई हैं।
विजिलेंस को ना हिमाचल, मजीठा और चंडीगढ़ घर से कुछ नहीं मिला। एडवोकेट कलेर ने कहा कि विपक्ष ने आज नई दलील रखी कि उन्हें मजीठिया को लेकर गौरखपुर जाना है क्योंकि सराया इंडस्ट्री गौरखपुर है। जबकि सुप्रीम कोर्ट एफीडेविट जारी कर चुकी है बिक्रम मजीठिया राजनीति से पहले सराया इंडस्ट्री से इस्तीफा दे चुके थे और ना ही डायरेक्टर हैं। वह केवल 11 फीसदी शेयर होल्डर हैं। अदालत को बताया कि 16 साल से मजीठिया कभी गौरखपुर ही नहीं गए। ड्रग मामले में उन्हें कुछ नहीं मिला अब जानबुझ कर केस को घसीटा जा रहा है।
वहीं, विपक्ष के वकील फैरी सोफत और प्रीतइंदर पाल सिंह ने बताया कि पिछले 7 दिनों की रिमांड में काफी ऐसे तथ्य निकल कर सामने आए, जिन्हें कोर्ट में बताया गया। शिमला में बेनामी संपत्ति का तथ्य हैरान करने वाला था, जिसके चलते मजीठिया को वहां लेकर भी जाया गया था। वहां मजीठिया ने जांच में सहयोग नहीं किया था। शिमला में 400 हैक्टेयर की संपत्ति के दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए हैं। दोनों पक्षों के वकीलों की ओर से अपनी अपनी दलीलें दी गई, जिसके आधार पर मामले में 4 दिनों की रिमांड की अनुमति मिली।