जीवनशैली के जरिये रखें सेहत बरकरार
मौजूदा दौर में महिलाओं की भूमिका और जिम्मेदारियां बढ़ी हैं चाहे वह केवल घर-गृहस्थी हो या फिर प्रोफेशनल मोर्चा। इसके अलावा सेहत की कुछ अतिरिक्त चुनौतियां भी हैं। ऐसे में स्वाभाविक है तनाव, चिंता व अवसाद पनपें और उसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़े। महिलाओं का तन-मन सेहतमंद बनाये रखने को व्यायाम व खुराक का ख्याल व जीवनशैलीगत बदलाव जरूरी हैं।
डॉ. मोनिका राज
सभी को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। खासकर महिलाओं को जिनकी आज के सामाजिक परिवेश में भूमिका केवल घर तक सीमित नहीं है। वे परिवार की देखभाल के साथ-साथ कैरियर की चुनौतियों का सामना करती हैं। इसलिए उनके समग्र स्वास्थ्य की देखभाल जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां
मानसिक स्वास्थ्य केवल मानसिक विकारों से निपटने का मामला नहीं है। यह मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता बनाए रखने के बारे में भी है। महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सामाजिक और पारिवारिक दबाव, कैरियर और घर की जिम्मेदारियां तथा व्यक्तिगत अपेक्षाएं अत्यधिक प्रभाव डाल सकती हैं। इन कारणों से महिलाएं अवसाद, चिंता व तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकती हैं। इनमें विशेष रूप से प्रसवोत्तर अवसाद यानी पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक आम समस्या है, जिसका सामना नई माताओं को करना पड़ सकता है। सामाजिक दबाव भी होते हैं जैसे परफेक्शन की अपेक्षा, आकर्षक दिखने का दबाव तथा परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी। वहीं पीरियड्स, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान हॉर्मोनल बदलाव मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं। साथ ही समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप न होने की भावना से आत्मसम्मान में कमी हो सकती है।
समाधान : ऐसी समर्थन प्रणाली विकसित करना जरूरी है जिसमें परिवार और दोस्तों का सहयोग शामिल हो। वहीं मेडिटेशन और योग जैसी गतिविधियां मानसिक शांति प्रदान कर सकती हैं। यह भी कि थेरेपी और काउंसलिंग के लिए एक पेशेवर से मदद ली जाये। साथ ही सामाजिक दबावों से मुक्ति के लिए आत्मविश्वास को बढ़ाना आवश्यक है।
शारीरिक सेहत से जुड़ी समस्याएं
महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य में कई विशिष्ट समस्याएं होती हैं जो केवल महिलाओं में पाई जाती हैं। इनमें हार्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म की समस्याएं, गर्भावस्था की चुनौतियां और रजोनिवृत्ति जैसे मुद्दे शामिल हैं।
मुश्किल दिनों से जुड़ी समस्याएं सेहत पर असर डालती हैं। मासिक धर्म में अनियमितता, भारी रक्तस्राव व दर्द आदि। वहीं रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को हॉट फ्लैशेस, नींद की समस्या, और मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है। हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण भी वजन बढ़ना, बाल झड़ना, और त्वचा की समस्याएं आती हैं। ऐसे ही गर्भावस्था के दौरान पोषण की कमी, कमजोरी, और मानसिक तनाव।
समाधान : नियमित चिकित्सा जांच जरूरी है जैसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय पर निदान और उपचार। संतुलित आहार लेना जिसमें प्रोटीन, विटामिन, और खनिज की पर्याप्त मात्रा हो। नियमित योग, पैदल चलना और साइक्लिंग करना आदि भी लाभदायक है। तनाव प्रबंधन के लिए ध्यान और विश्राम की तकनीकों का अभ्यास करना।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए टिप्स
स्वास्थ्य एक निरंतर प्रक्रिया है और इसे बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना आवश्यक है। जानिये महिलाओं के स्वास्थ्य को कायम रखने के लिए कुछ प्रमुख उपाय :
साफ-सफाई रखें : व्यक्तिगत स्वच्छता जैसे कि नियमित रूप से स्नान, हाथ धोना, और कपड़े साफ रखना। पानी पिएं : दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। यह शरीर को हाइड्रेट रखता है और त्वचा की सुंदरता बनाए रखने में मदद करता है। सक्रिय रहें: दिन भर शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। अगर आप जिम नहीं जा सकतीं, तो घर में ही योग या साधारण व्यायाम करें। पोषण युक्त आहार : संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों। फास्ट फूड और अधिक चीनी से बचें: अनावश्यक कैलोरी और जंक फूड से दूरी बनाए रखें। पोषणकारी नाश्ता : नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है, इसलिए इसे अनदेखा न करें। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नाश्ता ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
व्यायाम और सक्रियता भी फायदेमंद
योग और ध्यान: मानसिक शांति और शारीरिक लचीलापन के लिए योग एक प्रभावी तरीका है। कार्डियो : इसके तहत पैदल चलना, दौड़ना, और साइक्लिंग करना है जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज : इसके अंतर्गत वजन उठाने और मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें।
ऐसे बेहतर बनाएं मानसिक सेहत
मेडिटेशन यानी मानसिक शांति के लिए ध्यान का अभ्यास करें। यह तनाव को कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है। वहीं रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। अच्छी नींद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसी के साथ समय प्रबंधन जरूरी है। काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखें। समय का सही प्रबंधन करने से तनाव कम होता है।
इन सब उपायों के अलावा डॉक्टर से नियमित चेकअप कराएं। इससे किसी भी समस्या का समय पर निदान हो सकेगा। वहीं स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण कराएं। इसके सा ही यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं। यह भी कि महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर समाज के हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करना, नियमित स्वास्थ्य जांच की महत्ता समझना, और महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है। वहीं हर महिला को अपने स्वास्थ्य के प्रति खुद सजग रहने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज न करने की आवश्यकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर वे न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार और समाज की भी बेहतरी में योगदान कर सकती हैं।