भद्रवास संयोग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि : आचार्य त्रिलोक
जगाधरी, 25 फरवरी (हप्र)
बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस बार पर्व पर कई संयोग बन रहे हैं। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के अचार्य त्रिलोक महाराज शक्ति पीठाधीश्वर ने बताया कि महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर रखा जाएगा। इस शुभ दिन पर भक्त व्रत, रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। आचार्य त्रिलोक महाराज ने बताया फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव एवं मां पार्वती की सच्चे मन से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होगी। इस साल महाशिवरात्रि पर शिव योग और सिद्ध योग जैसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ये योग भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। त्रिलोक का कहना है कि इन संयोगों में की गई पूजा-अर्चना से भक्तों को शीघ्र ही फल की प्राप्ति होगी। आचार्य त्रिलोक ने बताया कि महाशिवरात्रि व्रत में रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इन चार प्रहरों में शिवलिंग का अभिषेक दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से किया जाता है। इसके साथ ही बेलपत्र, धतूरा, भांग और अक्षत अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि पहला प्रहर शाम साढ़े 6 बजे से रात साढे 9 बजे, दूसरा प्रहर रात्रि 9.30 से 12. 30 बजे तक, तीसरा प्रहर रात 12.30 से 3.30 बजे व चौथा प्रहर रात 3.30 से सुबह 6.30 बजे तक रहेगा।