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Mahashivratri 2025 : शिव भक्त क्यों करते हैं इस दिन रात्रि जागरण? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

06:53 PM Feb 25, 2025 IST
mahashivratri 2025   शिव भक्त क्यों करते हैं इस दिन रात्रि जागरण  जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
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चंडीगढ़, 25 फरवरी (ट्रिन्यू)

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Mahashivratri 2025 : महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए समर्पित है। यह पर्व विशेष रूप से शिवभक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। महाशिवरात्रि की रात जागना एक धार्मिक और मानसिक अनुशासन का प्रतीक है, जो व्यक्ति के आत्मिक उन्नति और मानसिक शांति के लिए लाभकारी माना जाता है।

महाशिवरात्रि की रात का महत्व

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महाशिवरात्रि की रात जागना एक साधना के रूप में देखा जाता है। इस रात को भक्त पूरे दिन उपवासी रहते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हुए जागते हैं। जागते रहने से मनुष्य अपने मानसिक शोर से दूर रहता है और भगवान शिव के ध्यान में रमने का अवसर प्राप्त करता है। यह ध्यान-साधना से आत्मिक उन्नति होती है और व्यक्ति मानसिक शांति-संतुलन प्राप्त करता है।

महाशिवरात्रि की रात जागना केवल धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक यात्रा है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और उपासना से व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करता है, उसकी मानसिक स्थिति में शांति आती है। उसकी आत्मा का शुद्धिकरण होता है।

भगवान शिव करते हैं भ्रमण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव ने वैराग्य जीवन त्याग दिया था और मां पार्वती के साथ विवाह बंधन में बंधे गए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव धरती पर रात के समय भ्रमण करते हैं। ऐसे में जो लोग महाशिवरात्रि पर जागरण करते हैं उनके समस्त दुख दूर होते हैं।

मन की शांति और मानसिक ताकत

जब कोई व्यक्ति महाशिवरात्रि की रात जागता है तो वह अपने आप को आराम से और सहज रूप से पूजा में डुबो देता है। यह ध्यान, साधना, और पूजा मन को शांत और एकाग्र करती है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति अपने जीवन के कठिनाईयों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहता है।

पापों से मुक्ति

महाशिवरात्रि का पर्व पापों से मुक्ति का भी अवसर माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की उपासना से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह पुण्य कमाता है। जागते रहकर और पूजा करके व्यक्ति भगवान शिव की कृपा का पात्र बनता है और अपने जीवन के दोषों से मुक्त होता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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