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Maharashtra Jharkhand Election Date: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान, झारखंड में दो चरणों में चुनाव, मतगणना 23 नवंबर को

04:12 PM Oct 15, 2024 IST
प्रेस कांफ्रेंस करते मुख्य चुनाव आयुक्त। वीडियो ग्रैब

नयी दिल्ली, 15 अक्तूबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)

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Maharashtra Jharkhand Election Date:  भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र व झारखंड के चुनावों की घोषणा कर दी है। महाराष्ट्र में एक फेज में ही चुनाव होगा। 22 अक्तूबर को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। 29 अक्तूबर को नामांकन की अंतिम तिथि होगी, मतदान 20 नवंबर को होगा। झारखंड में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर व दूसरे चरण का मतदान  20 नवंबर को होगा। दोनों राज्यों की मतगणना एक साथ 23 नवंबर को होगी।

इसके अलावा 47 विधानसभा क्षेत्रों और एक संसदीय क्षेत्र (वायनाड) के लिए 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा।  महाराष्ट्र में एक संसदीय क्षेत्र (नांदेड़) के लिए भी मतदान 20 नवंबर को होगा। पंजाब विधानसभा की चार सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। इनमें गिद्दड़बाहा, बरनाला, चब्बेवाल और डेरा बाबा नानक सीट शामिल हैं।

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "महाराष्ट्र में कुल मतदाताओं की संख्या 9.63 करोड़ है, जिनमें से 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिला मतदाता हैं। पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 20.93 लाख है। महाराष्ट्र में 1,00,186 मतदान केंद्र हैं, इस बार भी हम पीडब्ल्यूडी और महिलाओं द्वारा संचालित बूथ बनाएंगे।

 

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 5 जनवरी को समाप्त होगा। इस बीच, जिन तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, उनमें केरल की वायनाड, महाराष्ट्र की नांदेड़, और पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीटें शामिल हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "झारखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 2.6 करोड़ है, जिसमें से 1.29 करोड़ महिला और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता हैं। पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 11.84 लाख है... झारखंड में 29,562 पोलिंग स्टेशन होंगे..."

प्रेस कांफ्रेंस शुरू करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को मतदान में उनकी सशक्त भागीदारी के लिए बधाई दी। कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र के त्योहार को ऐतिहासिक बनाया। उन्होंने बड़ी संख्या में भाग लिया, अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।

उपचुनाव वाली सीटें

वायनाड सीट कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा खाली की गई थी, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी ने बाद में रायबरेली सीट को बरकरार रखते हुए वायनाड सीट छोड़ दी थी। वहीं, नांदेड़ सीट पर कांग्रेस सांसद वसंत चव्हाण और बशीरहाट सीट पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद हाजी शेख नुरुल इस्लाम के निधन के बाद उपचुनाव आवश्यक हो गए थे।

इसके अलावा, 47 से अधिक विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। इन चुनावों से देश के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और राजनीतिक दलों की तैयारियों को लेकर कड़ी परीक्षा होगी।

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन व महा विकास अघाड़ी में टक्कर

महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया शिवसेना के एकनाथ शिंदे हैं। इस सत्ताधारी गठबंधन में शिवसेना के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है। दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) है। इसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति बिल्कुल बदल गई है।

साल 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले साथ मिलकर लड़ा था। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 165 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और वह 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 56 पर जीत मिली थी। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 44 सीट पर जीत मिली थी, जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीट पर जीत हासिल हुई थी।

झारखंड में भाजपा की अगुवाई वाले व झामुमो की अगुवाई वाले गठबंधन के बीच टक्कर

झारखंड में भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाईटेड) के साथ गठबंधन है। इस बार तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस गठबंधन का मुकाबला झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन से होगा

झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे।

पिछले पांच सालों में झारखंड में महाराष्ट्र की तरह कोई बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं हुआ लेकिन इस दौरान झामुमो में घटे कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में जनवरी 2024 में गिरफ़्तार कर लिया गया। सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और नए मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सिपहसालार चम्पई सोरेन की ताजपोशी हुई।

हालांकि, जून महीने में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद चम्पई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर राज्य की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आई गई। इस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद चम्पई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। झारखंड में भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाईटेड) के साथ गठबंधन है। इस बार तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस गठबंधन का मुकाबला झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन से होगा।

 

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