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महाराणा प्रताप उद्यान विवि मसालों पर करेगा शोध, किसानों को उपलब्ध कराएगा उन्नत किस्मों का बीज

10:01 AM Apr 24, 2024 IST
करनाल में मंगलवार को रिसर्च के लिए जमीन को चिन्हित करते कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा। -हप्र
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रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 23 अप्रैल
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा, जो आने वाले दिनों में किसानों के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक होंगे। बदलावों से न केवल किसान पहले की अपेक्षा आर्थिक तौर पर ज्यादा खुशहाल होंगे, साथ ही पारंपरिक खेती से किसानों का रुझान कम होगा, जो प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने में सहायक साबित होगा। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा के नेतृत्व में बीजीय मसालों सहित गेंदे के फूल, प्याज, लहसुन पर शोध कार्य शुरू किया गया है। शोध कार्य सफल होने के बाद किसानों को उन्नत किस्मों का बीज उपलब्ध कराया जाएगा साथ ही विधियों के बारें में जानकारियां दी जाएगी।
कुलपति ने बताया कि आगामी खरीफ के मौसम में 10 एकड़ में सौंफ, धनिया, अजवाइन, मैथी, प्याज ओर लहसुन की खेती के साथ-साथ शोध किया जाएगा। कुछ सब्जियों के बीज चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मूल बीज प्राप्त किए जा रहे हैं। बीज उत्पादन का एक विशेष कार्यक्रम चलाया गया है ताकि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाला बीज उपलब्ध हो सके। एक एकड़ में गेंदे के फूलों की खेती की जाएगी। सौंफ, धनिया, अजवाइन, मैथी का बीज राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान संस्थान अजमेर जयपुर से लाया जाएगा, जबकि प्याज, लहसुन की पौध के लिए राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, क्षेत्रीय केंद्र सलारू करनाल से एमओयू हुआ हैं।

वैज्ञानिकों की टीम करेगी शोध

कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि शोध कार्य करने के लिए पौधारोपण, मसाला औषधीय एवं सुंगधित शोध विभाग बनाया गया हैं, शोध कार्य करने के लिए वैज्ञानिकों की टीम बनाई गई हैं। शोध कार्य पर तेजी से कार्य हो और उसके सकारात्मक परिणाम सामने आयें, इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। विभाग द्वारा जमीन को चिन्हित कर लिया गया हैं।

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प्रदेश में मसाला युक्त खेती बढ़ाने के प्रयास

कुलपति ने कहा कि बागवानी विवि का उद्देश्य है कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े, प्राकृतिक संसाधनों का अत्याधिक दोहन न हो अर्थात किसान इको सिस्टम से जुड़कर खेती करें। इसके लिए एमएचयू द्वारा किसानों का लगातार जागरूक भी किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मसाला युक्त खेती की ओर भी किसानों का रूझान हो, इसके लिए प्रदेश में मसाला युक्त खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा हैं। किसान इस प्रकार की खेती करके ज्यादा खुशहाल होंगे, वे अपना व्यवसाय भी कर सकेंगे। जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। क्योंकि बाजार में मसालों की बहुत मांग हैं।

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