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Mahakumbh 2025 : अखाड़े से निकाले गए IIT बाबा, संतों ने लगाए गुरु व परिवार के अपमान का आरोप

05:40 PM Jan 19, 2025 IST
mahakumbh 2025   अखाड़े से निकाले गए iit बाबा  संतों ने लगाए गुरु व परिवार के अपमान का आरोप
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चंडीगढ़ , 19 जनवरी (ट्रिन्यू)

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Mahakumbh 2025 : आईआईटी बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह को महाकुंभ 2025 में जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। यह फैसला उनके गुरु के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने के बाद आया है। अखाड़े के सचिव हरि गिरि ने इसकी पुष्टि की है।

अखाड़े के सचिव हरि गिरि ने कहा कि अखाड़े में गुरु के प्रति सम्मान और अनुशासन बहुत जरूरी है। जो लोग इन सिद्धांतों का पालन नहीं करते, वे संन्यासी नहीं बन सकते। आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले आईआईटी बाबा हाल ही में इंटरनेट पर छाए रहे। उन्होंने अपने परिवार और गुरु के बारे में विवादित बयान दिया, जिस पर संतों ने चर्चा की और आपत्ति जताई।

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अखाड़े ने इस बात पर जोर दिया कि माता-पिता और गुरु का अपमान अस्वीकार्य है। संन्यास में गुरु के प्रति समर्पण बहुत जरूरी है और उनके कार्यों के कारण आईआईटी बाबा को अखाड़े के शिविर और उसके आसपास से प्रतिबंधित कर दिया गया है। महाकुंभ की शुरुआत से ही आईआईटी बाबा की खूब चर्चा हो रही है। उनके वीडियो और इंटरव्यू सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। हालांकि, उनकी अनुचित टिप्पणियों के कारण उन्हें जूना अखाड़े से हटा दिया गया। यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।

हालांकि 'आईआईटी बाबा' अभय सिंह ने जूना अखाड़े के 16 माडी आश्रम से निकाले जाने के आरोपों से इनकार किया है। अभय सिंह ने दावा किया कि उन्होंने अचानक आश्रम छोड़ दिया है। उन्होंने वहां के संतों पर उनके बारे में गलत अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया। आईआईटी बाबा ने कहा, "उन्होंने मेरे बारे में गलत खबरें फैलाईं। माडी आश्रम के संचालकों ने मुझे रात में चले जाने को कहा। अब उन्हें लगता है कि मैं मशहूर हो गया हूं और मैं उनके बारे में कुछ उजागर कर सकता हूं। वे लोग बकवास कर रहे हैं।"

वहीं, आश्रम के अन्य संतों ने बताया कि आईआईटी बाबा की लगातार मीडिया से बातचीत उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रही थी। उन्होंने उन पर ड्रग्स लेने का भी आरोप लगाया। परिणामस्वरूप, जूना अखाड़े ने फैसला किया कि उनके लिए आश्रम छोड़ना ही सबसे अच्छा है।

हालांकि, अभय सिंह ने इन दावों का विरोध किया और अपने मानसिक स्वास्थ्य का विश्लेषण करने वालों के अधिकार पर सवाल उठाया। उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य का बचाव करते हुए कहा, "ये मनोवैज्ञानिक कौन हैं जो मेरी मानसिक स्थिति को मुझसे बेहतर जानते हैं? उन्हें मुझसे ज्यादा जानना चाहिए ताकि वे मुझे प्रमाणपत्र दे सकें।"

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