Maha Kumbh Stampede: मुख्यमंत्री ने की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक, लोगों से निर्देशों का पालन करने की अपील
लखनऊ, 29 जनवरी (भाषा)
Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मचने की घटना के बाद अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि संगम घाट पर 'अत्यधिक भीड़भाड़' के कारण स्थगित किए गए सभी अखाड़ों के पारंपरिक स्नान अनुष्ठान अब भीड़ का दबाव कम हो जाने के कारण संपन्न किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ के बाद लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है और वह महाकुंभ की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। पुरी ने 'पीटीआई वीडियो' से कहा, "हम देख रहे हैं कि अब भीड़ कम हो रही है और हम मेला प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं। अगर भीड़ कम हो रही है, तो हम स्नान करना चाहेंगे।"
सभी पूज्य संतों, श्रद्धालुओं, प्रदेश एवं देश वासियों से मेरी अपील है कि अफवाह पर कोई ध्यान न दें, संयम से काम लें, प्रशासन आप सभी की सेवा के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है... pic.twitter.com/r3qAkveJoz
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 29, 2025
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उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले कहा था कि "स्नान अनुष्ठान को संदर्भित किया गया है। यह दर्शाता है कि अखाड़ों का स्नान अनुष्ठान रद्द नहीं किया गया है जैसा कि पहले माना जाता था।''
पुरी ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है और वह महाकुंभ की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव (गृह), अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी मौजूद थे।
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अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ की घटना के बाद से मुख्यमंत्री महाकुंभ में अधिकारियों के संपर्क में हैं। महाकुंभ में पुरी ने कहा कि वह संतों के पारंपरिक अखाड़ा स्नान अनुष्ठानों को आगे बढ़ाने के लिए मेला प्रशासन से मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जैसे ही हमें मेला प्रशासन से समय मिलेगा, हम स्नान करेंगे।" यह पूछे जाने पर कि क्या शाम को भी स्नान अनुष्ठान हो सकता है, पुरी ने कहा, "जैसे ही चीजें सामान्य होंगी, हम स्नान अनुष्ठान करेंगे।"
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इस बीच, परमार्थ आश्रम के चिदानंद सरस्वती मुनि जी जैसे वरिष्ठ संतों ने लोगों से सावधानी बरतने, भीड़भाड़ से बचने और अपने नजदीकी घाटों पर स्नान करने की अपील की है। भगदड़ की घटना के बावजूद मौनी अमावस्या के दिन स्नान के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह काम नहीं हुआ है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, बुधवार सुबह आठ बजे तक लगभग 2.78 करोड़ लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 13 जनवरी को महाकुंभ की शुरुआत से अब तक लगभग 19.94 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
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महाकुंभ में संत मौनी अमावस्या पर प्रतीकात्मक डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर पहुंचे, हालांकि वे अपनी पारंपरिक, रंगीन जुलूसों के बिना चुपचाप पहुंचे और कहा कि उन्होंने बुधवार को तड़के स्थल पर हुई त्रासदी के मद्देनजर ऐसा किया था।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने भी कहा कि अखाड़ों ने भी "भीड़भाड़" के कारण स्नान की रस्म स्थगित कर दी है, लेकिन वे बिना किसी जुलूस के स्नान की रस्मों में हिस्सा लेंगे।
पुरी ने कहा, "अखाड़े स्नान की रस्मों में शामिल होंगे।" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बुधवार को एक अपील जारी की, जिसमें लोगों से अफवाहों पर भरोसा न करने का आग्रह किया गया। जूना अखाड़े के प्रमुख महंत अवधेशानंद ने डुबकी लगाने के बाद कहा, "हमने जुलूस और शोभा यात्रा के बिना एक प्रतीकात्मक डुबकी लगाई।
भगदड़ के पीड़ितों के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं।" इस डुबकी में योग गुरु रामदेव सहित अन्य संतों को एक दूसरे का हाथ थामते हुए देखा गया। संतों ने कहा, "हमने देश की शांति और प्रगति के लिए भी प्रार्थना की।"
मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज पर भगदड़ मचने की घटना के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य संतों ने श्रद्धालुओं से आत्म अनुशासन बनाए रखने और अपने नजदीकी घाट पर ही स्नान करने की अपील की है।
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक संगम में पवित्र डुबकी की आस लिये महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों ने अपील जारी की है। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा, "श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें। संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें।
स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है।" उन्होंने सभी से अफवाहों पर ध्यान न देने और मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की भी अपील की है। आदित्यनाथ के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है।
बयान के मुताबिक स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें, लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें तथा अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
बयान के अनुसार, योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, "करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए हमने फिलहाल केवल सांकेतिक स्नान किया है। इसके साथ ही समूचे राष्ट्र और विश्व के कल्याण की कामना की गई है।" उन्होंने सभी से आग्रह किया, "हम भक्ति के अतिरेक में न बहें और आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानीपूर्वक स्नान करें।"
वहीं, जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने भी कहा कि उन्होंने फिलहाल सांकेतिक स्नान किया है। महाकुंभ में मंगलवार/बुधवार की दरमियानी रात भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। मेला अधिकारी की विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि घायलों का इलाज किया जा रहा है और किसी की भी हालत गंभीर नहीं है।