MahaKumbh Mela 2025: प्रयागराज में पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ आस्था का महासंगम, देखें तस्वीरें
महाकुंभ नगर (उत्तर प्रदेश), 13 जनवरी (एजेंसी)
MahaKumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 को महाकुंभ मेला पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर विधिवत रूप से आरंभ हुआ। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाकर इस महासंगम का शुभारंभ किया। मेले के पहले दिन अब तक 40 लाख से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा, "महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा, जो भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा।"
पौष पूर्णिमा का महत्व और काल्पवास की शुरुआत
प्रयागराज स्थित राम नाम बैंक के संयोजक अशुतोष वर्श्नेय ने पौष पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह अवसर हिंदू पंचांग के पौष मास के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को आता है। इसी दिन से काल्पवास की शुरुआत होती है, जिसमें श्रद्धालु संगम के पास तपस्या, साधना और भक्ति में लीन होते हैं।
दो दिनों में 85 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान
सूचना निदेशक शिशिर के अनुसार, रविवार को पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले संगम में करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। वहीं, शनिवार को 33 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। उन्होंने बताया कि शनिवार और रविवार को कुल 85 लाख से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
महाकुंभ मेले के अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि इस वर्ष मेले में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बना देगा।
शाही स्नान की तैयारी
महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर होगा। इस दौरान सभी अखाड़े अपने निर्धारित क्रम में शाही स्नान करेंगे।
महाकुंभ नगरी में भक्ति का उत्साह
संत-महात्मा, श्रद्धालु और पर्यटक इस धार्मिक उत्सव में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। महाकुंभ नगरी में चारों ओर भक्ति, श्रद्धा और उत्साह का माहौल है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात प्रबंधन की व्यापक व्यवस्था की गई है।
भारतीय मूल्यों को संजोने वालों के लिए बहुत खास दिन: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रयागराज में महाकुम्भ शुरू होने के साथ ही इसे भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वालों के लिए एक बेहद खास दिन करार दिया और कहा कि यह विशाल धार्मिक आयोजन भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।
मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुम्भ का आरंभ हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।''
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बहुत ही खास दिन! महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में शुरू हो रहा है, जिसमें अनगिनत लोग आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में एक साथ आते हैं। महाकुम्भ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का जश्न मनाता है।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रयागराज में आए श्रद्धालुओं को देखकर खुशी हो रही है, जहां अनगिनत लोग आ रहे हैं, पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और ईश्वर से आशीर्वाद मांग रहे हैं। उन्होंने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के शानदार प्रवास की कामना की।