Maha Kumbh Amrit Snan Live: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान शुरू, लाखों श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी
महाकुंभ नगर, 14 जनवरी (एजेंसी/ट्रिन्यू)
Maha Kumbh Amrit Snan Live: महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को सुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है। इस बीच, दोपहर 12 बजे तक 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने यह जानकारी दी।
अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने ‘हर हर महादेव' के उद्घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया। अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतनगिरी जी महाराज ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “हर 12 साल में पूर्ण कुम्भ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुम्भ होने पर, 144 साल बाद यह महाकुम्भ आता है। बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुम्भ में स्नान का अवसर मिलता है।”
उन्होंने बताया कि महानिर्वाणी अखाड़े से 68 महामंडलेश्वर और हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के बाद तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया। इसमें सबसे आगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी चल रहे थे। उनके बाद अखाड़ा के झंडे और फिर आराध्य देवता कार्तिकेय स्वामी और सूर्य नारायण की पालकी थी। इनके पीछे नागा सन्यासियों की टोली थी।
इन सभी के बीच निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि एक भव्य रथ पर सवार थे। अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “हम सात बज कर 15 मिनट पर स्नान घाट पर पहुंचे और सात बज कर 45 मिनट पर हमने स्नान कर घाट खाली कर दिया। आधे घंटे में निरंजनी और आनंद अखाड़े के हजारों साधु संतों ने स्नान किया। निरंजनी अखाड़े के 35 महामंडलेश्वरों ने और हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने अमृत स्नान किया।”
निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, “घाट पर युवाओं की भीड़ यह बताती है कि उनमें सनातन धर्म के प्रति कितनी आस्था है। जब भी किसी ने सनातन धर्म को चुनौती दी, युवा और संत समाज ने आगे आकर धर्म की रक्षा की।” निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के बाद संख्या बल में सबसे अधिक जूना अखाड़े और आवाहन अखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। जूना अखाड़े के पीछे किन्नर अखाड़ा के भी सैकड़ों संतों और महामंडलेश्वरों ने भी अमृत स्नान किया।
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भव्य रथ पर सवार होकर स्नान घाट पर आए और उनके साथ हजारों की संख्या में नागा सन्यासी भी थे। बारी बारी से तेरह अखाड़ों का अमृत स्नान शाम चार बजे तक पूरा होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, "यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन।"
कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद प्रयागराज में हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओर जाता दिखाई दिया। आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शन कर रहे हैं। संगम स्नान कर अपने गंतव्यों की ओर लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए नगर के विभिन्न चौराहों और मुख्य मार्गों पर नगर वासियों द्वारा व्यापक स्तर पर सब्जी पूड़ी और खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जा रहा है।
पुराने शहर के मुट्ठीगंज चौराहे के पास ‘श्री राम जानकी मंदिर' के नाम से भंडारा चला रहे श्रद्धालुओं में से एक मुकेश चंद्र जायसवाल ने बताया कि आज सुबह छह बजे से ही पूड़ी सब्जी, खिचड़ी एवं हलुआ का भंडारा निरंतर जारी है और यह रात 11 बजे तक चलेगा। जीरो रोड चौराहे पर ‘प्रभु कृपा प्राचीन बाल रूप हनुमान मंदिर त्रिपौलिया' के नाम से भंडारा चला रहे पंडित किशोर कुमार पाठक ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जा रहा है ताकि वे प्रयागराज के बारे में अच्छा अनुभव लेकर जाएं।
प्रमुख स्नान क्रम इस प्रकार रखा गया
1. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा:
- शिविर प्रस्थान: तड़के 5:15 बजे
- घाट आगमन: 6:15 बजे
- स्नान का समय: 40 मिनट
- शिविर वापसी: 7:55 बजे
2. श्री तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा:
- शिविर प्रस्थान: सुबह 6:05 बजे
- घाट आगमन: 7:05 बजे
- स्नान का समय: 40 मिनट
- शिविर वापसी: 8:45 बजे
3. तीन संन्यासी अखाड़े (जूना, आवाहन, पंचाग्नि):
- शिविर प्रस्थान: सुबह 7:00 बजे
- घाट आगमन: 8:00 बजे
- स्नान का समय: 40 मिनट
- शिविर वापसी: 9:40 बजे
4. बैरागी अखाड़े:
- पहला स्नान: सुबह 9:40 बजे
- अंतिम स्नान: दोपहर 12:50 बजे
5. उदासीन अखाड़े
- नया उदासीन अखाड़ा: दोपहर 12:15 बजे
- निर्वाण अखाड़ा: दोपहर 1:20 बजे
- निर्मल अखाड़ा: दोपहर 2:40 बजे
पवित्र स्नान का महत्व
महाकुंभ में अमृत स्नान का धार्मिक महत्व अद्वितीय है। मान्यता है कि इस स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा को शुद्धता व शांति प्राप्त होती है। इस बार मकर संक्रांति के अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया।
महाकुंभ मेला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। अखाड़ों के स्नान का क्रम पूर्व निर्धारित है, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान का सुगम अवसर मिले। इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु गंगा स्नान, दान और पूजा-अर्चना में लीन रहे।
सामाजिक और धार्मिक सौहार्द का उत्सव
महाकुंभ न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक सौहार्द और समरसता का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान के साथ ही दान-पुण्य और जप-तप का पालन किया। महाकुंभ का यह पहला अमृत स्नान इस आयोजन की भव्यता और आध्यात्मिक महत्व को परिभाषित करता है।
प्रधानमंत्री ने मकर संक्रांति, माघ बिहू, उत्तरायण पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को फसल कटाई के विभिन्न त्योहारों के मौके पर देशवासियों को बधाई दी और सभी की अच्छी सेहत के साथ जीवन में सुख और समृद्धि की भी कामना की। ज्ञात हो कि देश में आज मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहू और उत्तरायण का त्योहार मनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘सभी देशवासियों को मकर संक्रांति की अनेकानेक शुभकामनाएं। उत्तरायण सूर्य को समर्पित यह पावन उत्सव आप सबके जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार करे।'' मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम और तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इसे तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है। असम में इसे माघ बिहू और गुजरात में इसे उत्तरायण कहते हैं। यह त्योहार फसल की कटाई से जुड़ा है।
प्रधानमंत्री ने अलग-अलग भाषाओं में किए गए ट्वीट के जरिए देशवासियों को माघ बीहू और उत्तरायण की भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘‘माघ बिहू की हार्दिक शुभकामनाएं! हम प्रकृति की प्रचुरता, फसल की खुशी और एकजुटता की भावना का जश्न मनाते हैं। मेरी कामना है कि यह त्योहार खुशियों और एकजुटता की भावना को आगे बढ़ाए।'' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरायण की शुभकामनाएं! मेरी कामना है कि यह त्योहार सभी के जीवन में सफलता और खुशियां लाए।''
प्रधानमंत्री सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी के आवास पर संक्रांति समारोह में शामिल हुए थे। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नारायणा विहार इलाके में लोहड़ी के मौके पर आयोजित एक समारोह में भी हिस्सा लिया।