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Maha Kumbh 2025 : सिंचाई विभाग ने गंगा स्नान को इस तरह बनाया सुगम, IIT गुवाहाटी के विशेषज्ञों ने की मदद

05:51 PM Dec 18, 2024 IST
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महाकुम्भ नगर, 18 दिसंबर (भाषा)

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Maha Kumbh 2025 : दिव्य और भव्य महाकुम्भ का संकल्प धरातल पर उतारने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अपनी कड़ी मेहनत से जो सफलता प्राप्त की है, वह सचमुच में 'भगीरथ प्रयास' की याद दिलाती है। सिंचाई विभाग ने गंगा नदी की तीन धाराओं को एक धारा में ला दिया है जिससे श्रद्धालुओं को गंगा स्नान में सुविधा होगी।

अधिकारियों ने बताया कि प्रयागराज में शास्त्री ब्रिज से लेकर संगम नोज तक मां गंगा तीन धाराओं में विभाजित हो गई थीं, जिससे महाकुम्भ के आयोजन में कठिनाइयां आ रही थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संगम नोज पर तीन धाराओं में बह रहीं गंगा को एक धारा में प्रवाहित करने की रणनीति तैयार की गई।

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उन्होंने कहा कि मेले की सुचारू व्यवस्था और मेला क्षेत्र के विस्तार के लिए गंगा नदी के प्रवाह को एक करना बहुत आवश्यक था। इस योजना को साकार करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञ टीम की मदद ली गई। सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर संगम क्षेत्र में गंगा प्रवाह के विस्तार के लिए तीन विशाल ड्रेजिंग मशीनों को लगाया गया।

अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में गंगा में पानी का तेज प्रवाह और ऊंचा जल स्तर इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रहा था। इससे ड्रेजिंग मशीनों को तेज धारा में स्थिर रखना और नदी की दोनों धाराओं को बीच की धारा में मिलाना कठिन हो रहा था। इस पर शास्त्री ब्रिज के पास तीनों ड्रेजरों को अलग-अलग स्थानों पर लगाया गया।

उन्होंने बताया कि काम के दौरान मां गंगा की प्रबल धारा के कारण भारी-भरकम ड्रेजिंग मशीनें बार-बार अस्थिर हो रही थीं। डिस्चार्ज पाइप मुड़ जाते और मशीनों को नियंत्रित करना कठिन हो जाता। टीम ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए बड़े एंकरों और पीपे के पुल का सहारा लिया। मोटे रस्सों का उपयोग कर ड्रेजरों को नदी के किनारों से स्थिर रखा गया।

अधिकारियों ने बताया कि ड्रेजिंग कार्य तीन पालियों में युद्धस्तर पर किया गया। मुख्यमंत्री की सलाह पर चौथे ड्रेजर को तैनात किया गया जिससे कार्य की गति और गुणवत्ता में सुधार हुआ। अंततः अथक परिश्रम और समर्पण से गंगा की तीन धाराओं को एक प्रवाह में समाहित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि संगम क्षेत्र का सर्कुलेशन एरिया अब पहले से कहीं अधिक विस्तृत और सुव्यवस्थित है। गंगा के एक धारा में प्रवाहित होने से मेला क्षेत्र को करीब 22 हेक्टेयर अतिरिक्त जगह मिली है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ एक जगह पर स्नान कर सकेंगे। इस जगह को समतल करने के लिए पांच लाख मीट्रिक टन बालू की व्यवस्था की गयी है।

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